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    कानपुर ग्रीन पार्क में बैडमिंटन खेलते समय एक शख्स की मौत, स्टेडियम में मची सनसनी

    Updated: Wed, 12 Nov 2025 11:56 AM (IST)

    कानपुर में सर्दी के साथ सडन डेथ के मामले बढ़ रहे हैं। ग्रीन पार्क स्टेडियम में बैडमिंटन खेलते समय 56 वर्षीय प्रशांत गुप्ता की अचानक मौत हो गई। हृदय रोगी प्रशांत की पहले हृदय सर्जरी हो चुकी थी। सीपीआर विशेषज्ञ ने उन्हें बचाने की कोशिश की, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मृत्यु हो गई। हृदय रोग संस्थान के निदेशक ने सडन डेथ के कई कारण बताए हैं।

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    मृतक प्रशांत गुप्ता। जागरण

    जागरण संवाददाता, कानपुर। सर्दी आते ही सडन डेथ के मामले भी बढ़ने लगे हैं। हृदय की सर्जरी व क्रोनिक बीमारी बीपी, डायबिटिक के मरीजों में इसका खतरा बढ़ रहा है। इसके मरीजों की संख्या हृदय रोग संस्थान में बढ़ गई है। बुधवार को सुबह करीब साढ़े आठ बजे ग्रीन पार्क स्टेडियम के बैडमिंटन कोर्ट खेल रहे 56 वर्षीय आर्य नगर निवासी प्रशांत गुप्ता की अचानक मृत्यु हो गई।

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    मौके पर मौजूद सीपीआर विशेषज्ञ डा. प्रदीप टंडन ने सीपीआर देकर बचाने की कोशिश की। लेकिन पहले से हृदय के रोगी प्रशांत की हृदय रोग संस्थान पहुंचते समय रास्ते में मौत हो गई। जांच में सामने आया है कि प्रशांत गुप्ता की पूर्व में हृदय सर्जरी हो चुकी है, उनके हार्ट में स्टेंट डाले गए थे।

    ग्रीन पार्क के बैडमिंटन कोच रमेश यादव ने बताया कि प्रशांत गुप्ता कई वर्षों से बैडमिंटन खेलने के लिए स्टेडियम आ रहे हैं। बुधवार को सुबह करीब सवा सात बजे खेलने पहुंचे प्रशांत गुप्ता करीब आधा घंटे खेलने के बाद बैठ गए। इस दौरान वे बेसुध हो गए जिन्हें बैडमिंटन कोर्ट में मौजूद सीपीआर विशेषज्ञ डा. प्रदीप टंडन ने नब्ज की जांच करने के बाद सीपीआर दिया।

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    डा. प्रदीप टंडन ने बताया कि प्रशांत की सांस उखड़ती देखकर करीब 10 मिनट सीपीआर दिया और एंबुलेंस से हृदय रोग संस्थान तक पहुंचाया। डा. प्रदीप ने कहा कि बैडमिंटन कोर्ट में बिना देरी किए सीपीआर देने के साथ ही सोर्बिट्रेट की गोली भी दे दी गई थी लेकिन एंबुलेंस से कार्डियोलाजी के रास्ते में ही उनकी मौत हो गई।

    हृदय रोग संस्थान के निदेशक प्रो. राकेश कुमार वर्मा ने बताया कि सडन डेथ के कई कारण होते हैं। पूर्व में हुई हृदय सर्जरी की अनदेखी भी इसका कारण हो सकती है। हृदय के अचानक बंद होने से, कोरोनरी धमनी रोग, आनुवंशिक हृदय रोग हाइपरट्राफिक कार्डियोमायोपैथी), धमनी का फटना और इलेक्ट्रिकल शार्ट सर्किट भी इसका कारण बनता है।