मूलभूत सुविधाओं को लेकर जूझ रहा कानपुर, रंगरोगन करके बेहतर शहर दिखाने की तैयारी
Kanpur Big Issue ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए शहर में 32 करोड़ रुपये में 72 स्थानों में ट्रैफिक सिग्नल लगाए गए थे। ई-चालान कराने की तैयारी थी। फूलबाग में स्मार्ट रोड पिछले साढ़े तीन साल में बन रही है।
कानपुर, जेएनएन। कानपुर को स्मार्ट बनाने के लिए चार साल से कवायद चल रही है। शहर स्मार्ट नहीं हो पाया लेकिन बारिश में खोदी सड़कें और कीचड़ मुसीबत बन गयी। शहर की पहचान ही खोदी सड़कें और कीचड़ हो गयी है। हालत यह है कि पिछले 14 साल से शहर में पेयजल, सीवरेज, मेट्रो और केबल डालने को लेकर लगातार खोदा जा रहा है। अभी भी शहर में खोदा जारी रहेनी है। हालत यह है कि शहर मूलभूत सुविधाओं को लेकर जूझ रहा है। रंगरोगन करके बेहतर शहर दिखाने की तैयारी चल रही है।
ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए शहर में 32 करोड़ रुपये में 72 स्थानों में ट्रैफिक सिग्नल लगाए गए थे। ई-चालान कराने की तैयारी थी लेकिन अभी तक कागजी कार्रवाई चल रही है। फूलबाग में स्मार्ट रोड पिछले साढ़े तीन साल में बन रही है। मात्र 2.34 किमी की स़ड़क 34 लाख रुपये से बन रही है, लेकिन अभी तक नहीं बन पायी है। एक तरफ सड़क बन रही है तो दूसरी तरफ सड़क पर कब्जे होते जा रहे है। पार्षद नवीन पंडित, मनोज पांडेय, अरविंद यादव, नीरज बाजपेयी, राघवेंद्र मिश्रा, रीता पासवान, आमिर, मुन्ना रहमान ने कहा कि पेयजल और सीवर व्यवस्था दुरुस्त हो जाए तो जनता को राहत मिल जाएगी।