कानपुर देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर, ठंड में हालात और हुए खराब
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के नेहरू नगर स्थित मॉनीटरिंग स्टेशन से रविवार को जारी रिपोर्ट में कानपुर देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर हो गया है।
By Sachin BajpaiEdited By: Published: Sun, 13 Jan 2019 09:25 PM (IST)Updated: Mon, 14 Jan 2019 11:37 AM (IST)
जागरण संवाददाता, कानपुर : कानपुर में तापमान के बेहद कम होते ही वायुमंडल में हानिकारक गैसों का स्तर कई गुना अधिक हो गया है। कार्बन डाईऑक्साइड (सीओटू), सल्फर डाईऑक्साइड (एसओटू), नाइट्रोजन डाईऑक्साइड (एनओटू) के साथ पर्टिकुलेट मैटर (पीएम 2.5) की मात्रा मानक से कहीं ज्यादा पाई गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के नेहरू नगर स्थित मॉनीटरिंग स्टेशन से रविवार को जारी रिपोर्ट में कानपुर देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर हो गया है।
वायु गुणवत्ता सूचकांक
-मुजफ्फरपुर 454
-कानपुर 428
-गाजियाबाद 428
-ग्रेटर नोएडा 424
-फरीदाबाद 422
-बुलंदशहर 422
-पटना 418
-मुरादाबाद 414
-दिल्ली 414
-आगरा 405
-मुजफ्फरनगर 403
(मात्रा माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर में)
गैसों की मात्रा
-एसओटू- 79
-एनओटू- 258
-सीओ- 17.4
-ओजोन- 133
यह हैं मानक
पीएम 2.5, एनओटू व एसओटू की मात्रा 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए। वहीं, सीओ की मात्रा चार मिलीग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
श्वास रोगियों को हो सकती दिक्कत
मुरारी लाल चेस्ट हॉस्पिटल के डॉ. सुधीर चौधरी के मुताबिक वायु प्रदूषण की इतनी मात्रा श्वास रोग के पीडि़तों के लिए खतरनाक है। अस्थमा, सीओपीडी, टीबी के मरीजों को सुबह और शाम के समय घर से बाहर निकलने से परहेज करना चाहिए।
वायु गुणवत्ता सूचकांक
-मुजफ्फरपुर 454
-कानपुर 428
-गाजियाबाद 428
-ग्रेटर नोएडा 424
-फरीदाबाद 422
-बुलंदशहर 422
-पटना 418
-मुरादाबाद 414
-दिल्ली 414
-आगरा 405
-मुजफ्फरनगर 403
(मात्रा माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर में)
गैसों की मात्रा
-एसओटू- 79
-एनओटू- 258
-सीओ- 17.4
-ओजोन- 133
यह हैं मानक
पीएम 2.5, एनओटू व एसओटू की मात्रा 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए। वहीं, सीओ की मात्रा चार मिलीग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
श्वास रोगियों को हो सकती दिक्कत
मुरारी लाल चेस्ट हॉस्पिटल के डॉ. सुधीर चौधरी के मुताबिक वायु प्रदूषण की इतनी मात्रा श्वास रोग के पीडि़तों के लिए खतरनाक है। अस्थमा, सीओपीडी, टीबी के मरीजों को सुबह और शाम के समय घर से बाहर निकलने से परहेज करना चाहिए।
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