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कानपुरवासियों को औद्याेगिक विकास के लिए करना होगा और इंतजार, चकेरी एयरपोर्ट के विस्तार में हैं ये समस्याएं

फोर लेन सड़क निर्माण का प्रोजेक्ट अभी शासन से होना है मंजूर। कुछ कंपनियों ने तो पहले ही निवेश के लिए हामी भरी है। इसके साथ ही गंगा बैराज स्थित ट्रांसगंगा सिटी में भी विदेशी निवेश का मार्ग प्रशस्त होगा।

By ShaswatgEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2020 11:29 AM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2020 11:29 AM (IST)
कानपुरवासियों को औद्याेगिक विकास के लिए करना होगा और इंतजार, चकेरी एयरपोर्ट के विस्तार में हैं ये समस्याएं
आवाजाही आसान होने से विदेशी निवेशक और मल्टीनेशनल कंपनियां भी यहां उद्योग लगाने को तैयार होंगी।

कानपुर, जेएनएन। चकेरी एयरपोर्ट के विस्तार का काम अब अक्टूबर 2021 में पूरा होगा। पहले इसे फरवरी में पूरा होना था, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन की वजह से समय सीमा बढ़ी है। इसके निर्माण में दो बड़ी बाधाएं हैं। एक है चौड़ी सड़क की दरकार और दूसरी बारिश के दिनों में यहां होने वाला जलभराव। यहां पक्का नाला बनना है। अगर यह बरसात से पहले नहीं बना तो फिर स्थिति बिगडऩे से काम रुकेगा। इसी तरह एयरपोर्ट तक जाने के लिए अभी तक संकरा व घुमावदार रास्ता है। इससे निर्माण सामग्री जाने में दिक्कत होती है। एयरपोर्ट को चकेरी-प्रयागराज हाईवे से जोडऩे के लिए फोर लेन मार्ग निर्माण की योजना तो तैयार हुई, लेकिन अभी प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलनी बाकी है।

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चकेरी एयरपोर्ट का विस्तार होने के बाद यहां औद्योगिक विकास को गति मिलेगी। आवाजाही आसान होने से विदेशी निवेशक और मल्टीनेशनल कंपनियां भी यहां उद्योग लगाने को तैयार होंगी। इसके बनने से साढ़ गांव में प्रस्तावित डिफेंस कॉरीडोर में रक्षा उत्पादों से जुड़ी अमेरिका, रूस, इटली जैसे देशों की कंपनियां इकाई स्थापित कर लेंगी। कुछ कंपनियों ने तो पहले ही निवेश के लिए हामी भरी है। इसके साथ ही गंगा बैराज स्थित ट्रांसगंगा सिटी में भी विदेशी निवेश का मार्ग प्रशस्त होगा। यहां तो साउथ कोरिया, चीन की कई कंपनियां निवेश के लिए मौका मुआयना भी कर चुकी हैं। निवेशक आना तो चाहते हैं, लेकिन उनके लिए समस्या है आवागमन की। अभी यहां दिल्ली, अहमदाबाद और मुंबई के लिए विमान सुविधा है, लेकिन एयरपोर्ट के विस्तार के बाद कई और शहरों के लिए विमान उड़ान भरने लगेंगे। बाकी शहरों के लिए भी विमानों की संख्या बढ़ेगी। साथ ही यहां कार्गो विमान भी खड़े हो सकेंगे।

शहर से चर्म उत्पादों का बड़े पैमाने पर निर्यात होता है। यूरोपीय देशों में तो यहां की सैडलरी की बड़ी मांग है। इसके साथ ही कई अन्य उत्पाद हैं, जो विदेश भेजे जाते हैं। अभी यहां के उद्यमियों और कारोबारियों को व्यापार के सिलसिले में बाहर जाने के लिए लखनऊ से विमान पकडऩा पड़ता है। कई बार तो कानपुर-लखनऊ हाईवे पर घंटों जाम के फ्लाइट छूट भी जाती है। विदेशी या दूसरे महानगरों के कारोबारी भी यहां कम आते हैं, क्योंकि उन्हेंं लखनऊ आने के बाद फिर कानपुर पहुंचने में परेशानी होती है।

फोर लेन मार्ग की दरकार

चकेरी एयरपोर्ट का विस्तार होने के साथ ही सड़क निर्माण भी जरूरी है। सड़क चकेरी-प्रयागराज हाईवे पर स्थित रूमा के पास से बननी है। फोर लेन सड़क होगी तो आसानी से यात्री आ जा सकेंगे। 2.7 किलोमीटर लंबी टू लेन सड़क के निर्माण के लिए शासन ने मंजूरी दे दी थी और भूमि अधिग्रहण का कार्य भी शुरू हो गया था, लेकिन अब इसे फोर लेन बनाया जाना है। 54 करोड़ 38 लाख रुपये खर्च होने हैं। प्रस्ताव शासन को जा चुका है। अब वहां से कब मंजूरी मिलेगी, ये कहना मुश्किल है। अगर अक्टूबर में एयरपोर्ट के विस्तार का कार्य हो भी जाता है और दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद के साथ ही अन्य शहरों के लिए प्लेन उड़ेंगे तो वर्तमान मार्ग पर जाम लगेगा। इससे समस्याएं होंगी।

 बंद है बेंगलुरु और कोलकाता विमान सेवा

यहां से नवंबर 2018 में कोलकाता और बेंगलुरु के लिए भी विमान सेवा शुरू हुई थी, लेकिन मार्च 2019 में इसे बंद कर दिया गया था। इन शहरों के लिए पर्याप्त यात्री मिल रहे थे। हालांकि, इन शहरों के लिए जल्द ही फिर से विमान सेवा शुरू होने की उम्मीद है। एयरपोर्ट अथॉरिटी प्रबंधन इसके लिए प्रयास कर रहा है। कानपुर से इन शहरों के लिए बड़े पैमाने पर कारोबार होता है। अब यहां के कारोबारी लखनऊ से विमान पकड़ते हैं।

105 करोड़ से बन रही नई टर्मिनल बिल्डिंग

प्रदेश सरकार ने चकेरी एयरपोर्ट से दो किमी दूर मवैया में नई टॢमनल बिल्डिंग बनाने का काम पिछले साल शुरू किया था। यह कार्य करीब 50 एकड़ क्षेत्रफल में हो रहा है। छह हजार स्क्वायर मीटर पर 105 करोड़ रुपये की लागत से नई टॢमनल बिल्डिंग बन रही है। इसका वर्क ऑर्डर अक्टूबर 2019 में पास हुआ था। इसके बाद एक सप्ताह भीतर ही उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड को निर्माण कार्य के लिए भूमि हस्तांतरित कर दी गई थी। 16 माह में फरवरी 2021 तक यह कार्य पूरा करके देना था। निगम ने बाउंड्रीवाल बनाने का काम शुरू किया तभी लॉकडाउन लगने से बंद हो गया। दोबारा शुरू हुआ तो बारिश में जलभराव बाधा बन गया। हालांकि, बाद में नाले की सफाई करा कार्य शुरू तो हो गया, लेकिन जलभराव की समस्या का स्थायी समाधान जरूरी है। इसीलिए मंडलायुक्त डॉ. राजशेखर ने इसका प्रस्ताव मांगा है।

बढ़ जाएगी क्षमता, कैटेगरी तीन में आ जाएगा एयरपोर्ट

एयरपोर्ट अथारिटी विमान संचालन के लिए अभी चकेरी एयरपोर्ट पर वायुसेना के भवन का प्रयोग करती है। इसकी क्षमता बहुत कम है। इसे देखते हुए अस्थायी टेंट बनाया गया, जिसकी क्षमता सौ यात्रियों की है। ऐसे में एक साथ कई विमान आने पर एयरपोर्ट अथारिटी के लिए उन्हेंं सुविधाएं उपलब्ध कराना मुश्किल होता है। नई टॢमनल बिल्डिंग बनने के बाद यह क्षमता 300 हो जाएगी। यात्रियों को अभी एयरपोर्ट पर मिलने वाली अधिकतर सुविधाएं नहीं मिलती हैं। नई टॢमनल बिल्डिंग बनने पर सुविधाएं मिलेंगी। दूसरी कंपनियां आएंगी तो विमान भी बढ़ेंगे, जिससे एयरपोर्ट चौथी कैटेगरी से एक पायदान नीचे तीसरी कैटेगरी में आ जाएगा। इसके बाद यहां सुविधाओं में वृद्धि भी होगी।

 

इनका ये है कहना 

  • टर्मिनल बिल्डिंग का काम अक्टूबर 2021 में पूरा हो जाएगा। बिल्डिंग से हाईवे को जोडऩे वाली फोरलेन सड़क के बनते ही यहां से संचालन शुरू करा दिया जाएगा। -बीके झा, निदेशक चकेरी एयरपोर्ट
  • फोर लेन सड़क के निर्माण का प्रस्ताव भेज दिया गया है। टू लेन सड़क निर्माण का प्रोजेक्ट पास हो गया था, लेकिन अब एक साथ पूरा काम होना है। ऐसे में भूमि का अधिग्रहण और होगा। - मुकेश शर्मा, अधिशासी अभियंता पीडब्ल्यूडी।

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