आरोपित विजय की तलाश में जुटी पुलिस की कई टीमें, फोन सर्विलांस पर लगा लोकेशन ट्रैक करने की कर रही कोशिश
कानपुर में सुरेश मांझी मामले में पुलिस आरोपित विजय और उसकी बहन और बहनोई की तलाश में दबिश दे रही है। इसके साथ ही पुलिस ने विजय के रिश्तेदारों के फोन सर्विलांस पर लगाए है ताकि विजय की लोकेशन का पता लग सके।
कानपुर, जागरण संवाददाता। भीख मंगवाने वाले गिरोह के राज और उसकी मां को जेल भेजने के बाद अब पुलिस मछरिया के सुरेश मांझी को नेत्रहीन बना यातनाएं देकर बेचने के आरोपित विजय, उसकी बहन और बहनोई की तलाश कर रही है। विजय का मोबाइल नंबर बंद होने से पुलिस को उसकी लाेकेशन नहीं मिल पा रही है। ऐसे में पुलिस उसके व स्वजन के नंबरों को सर्विलांस पर लगाया है और मोबाइल नंबर चालू होने का इंतजार कर रही है। वहीं, अन्य दोनों की तलाश में संभावित स्थानों व रिश्तेदारों के घर पुलिस दबिश दे रही है।
मूलरूप से बिहार में सिवान के गोरियाकोठी के पिपरा गांव निवासी सुरेश मांझी को छह माह पहले मछरिया के गुलाबी बिल्डिंग के पास रहने वाला विजय नट काम दिलाने के बहाने ले गया और बंधक बना अपने व रिश्तेदार के घर रखा। जहां विजय की बहन तारावती और बहनोई राजेश ने सुरेश को केमिकल डालकर नेत्रहीन कर दिया था।
यहां तक तीनों ने उसके हाथ-पैरों के पंजे तोड़कर 12 दिनों तक यातनाएं दी थी, जिसके बाद उसे भीख मंगवाने वाले गिरोह के सरगना किदवई नगर नटवन टोला निवासी राज की मां आशा को 20 हजार में बेचा था।
राज और आशा के साथ विजय सुरेश को नई दिल्ली के नागलोई स्थित एक बस्ती में ले गया, जहां उसे यातनाएं देकर छह माह तक भीख मंगवाई गई थी, लेकिन 30 अक्टूबर को सुरेश उनके चंगुल से घर पहुंचा और तब स्वजन और पुलिस को घटना की जानकारी मिली। दो दिन पहने नौबस्ता पुलिस ने राज और उसकी मां आशा को गिरफ्तार किया तो दोनों ने कई राज उगले। बुधवार को पुलिस ने दोनों को जेल भेजा है।
विजय का मोबाइल फोन बंद है। उसका फोन चालू होने पर लोकेशन ट्रेस हो सकती है। एक टीम विजय की बहन-बहनोई की तलाश में दबिश दे रही है। जबकि दूसरी टीम नागलोई जाने की तैयारी कर रही है। - विकास पांडेय, एसीपी गोविंद नगर