नोएडा में ठगी का हाईटेक आफिस देख पुलिस भी रह गई हैरान, कैमरे में रेड देखी तो डाटा क्रैश कर खुद बाहर आए ठग
मेट्रीमोनियल साइट्स और विदेशी महिला मित्र के जरिए गिफ्ट भेजकर लोगों को ठगने वाले गिरोह का नोएडा में हाईटेक आफिस देखकर पुलिस भी हैरान रह गई। गिरोह चलाने वाले पूरा डाटा क्रैश करने के बाद खुद ही बाहर पुलिस के सामने आए।
कानपुर, [अंकुर श्रीवास्तव]। लोगों को मेट्रीमोनियल साइट्स और विदेशी महिला बन इंटरनेट मीडया पर दोस्ती कर गिफ्ट भेजने का झांसा देकर लाखों रुपये ठगने वाले साइबर ठगों का नोएडा में बना आफिस पूरी तरह से बायोमीट्रिक सिक्योरिटी से लैस था। बिना ठगों की अनुमति के बिना कोई भी बाहरी व्यक्ति अंदर नहीं जा सकता था, जबकि वो लोग अंदर से सभी को देख सकते थे। सालों से देशभर के अलग-अलग प्रदेश व जिलों में वो लोग ठगी कर रहे थे। गोविंदनगर में पुजारी के साथ हुई ठगी के मामले में जब साइबर क्राइम टीम पहुंची तब उन्हें इसकी जानकारी हुई। इस दौरान ठगों ने पहले अपने सभी डाटा व अन्य डिजिटल साक्ष्यों को डैमेज किया। फिर खुद ही तीनों बाहर निकले। तब पुलिस उन्हें पकड़ सकी।
गोविंद नगर स्थित हनुमान मंदिर के पुजारी विनोदानन्द से ओलिवियर क्राउन नाम की विदेशी महिला फेसबुक पर दोस्ती कर गिफ्ट भेजने का झांसा देकर साथियों के साथ मिलकर 1.57 लाख रुपये ठगे थे। साइबर थाना प्रभारी हरमीत सिंह ने बताया कि मामले में फोन करने वाले ठगों के नंबर और उनके नंबरों पर आने वाली काल डिटेज निकलवाने पर एक नंबर ऐसा मिला जो चालू था और उस नंबर पर कई संदिग्ध काल आ रही थी। उसे ट्रेस करने पर वह नोएडा का निकला। उसे ट्रेस करते हुए उनकी टीम और गोविंदनगर पुलिस ठगों के ग्रेटर नोएडा के सेक्टर सी एक्सयू स्थित अपार्टमेंट के एक फ्लैट तक पहुंची थी, लेकिन उनकी टीम अंदर नहीं घुस सकी।
जानकारी करने पर पता चला कि आफिस बायोमीट्रिक सिक्योरिटी से लैस था। वहां डिजिटल फिंगरप्रिंट और फेस स्कैनर डोर लाक सिस्टम लगा मिला। काफी देर बाद पुलिस जब पड़ोसी के घर से पीछे की जगह पर रोशनदान के रास्ते घुसने का प्रयास किया तो ठगों ने आफिस के अंदर का सारा सिस्टम डैमेज कर दिया और खुद बाहर निकल आए। तीनों ने नाम विक्रांत बब्बर, नितिन भुटानी और जोगिंदर सिंह बताया था। जबकि सरगना विक्रांत का बहनोई नाइजीरियन गोडसे ओसेस इगुआ बोर पुलिस के पहुंचने से पहले ही निकल चुका था।
दो खाते इंटरनेशनल बैंक के निकले : साइबर थाना प्रभारी ने बताया कि ठगों के बारे में जानकारी करने पर पता चला कि उनके दो बैंक खाते विदेश में हैं। जिसका पासवर्ड और बैंक बैलेंस आदि की जानकारी करने के लिए उनके पास एक डिवाइस भी है। जिसमें सबकुछ आता है। उसे कोई और न देख सकता है और न ही खोल सकता है। उनकी जांच की जा रही है