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टेबलेट में खडिय़ा और इंजेक्शन में भरते थे पानी, नशीले इंजेक्शनों की सप्लाई मामले में वांछित था गुड्डू

कानपुर पुलिस ने नकली इंजेक्शन की आपूर्ति का पर्दाफाश करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें एक शातिर पहले से वांछित था और दूसरा साथी सुनील कश्यप अभी तक पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सका है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Tue, 22 Jun 2021 10:00 AM (IST)Updated: Tue, 22 Jun 2021 10:00 AM (IST)
टेबलेट में खडिय़ा और इंजेक्शन में भरते थे पानी, नशीले इंजेक्शनों की सप्लाई मामले में वांछित था गुड्डू
पुलिस को नकली दवा मामले में बड़ी सफलता मिली है।

कानपुर, जेएनएन। कई माह पहले बतौर एसपी साउथ तैनात रहे दीपक भूकर ने नौबस्ता पुलिस के साथ मिलकर प्रतिबंधित नशीले इंजेक्शन बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया था। पकड़े आरोपितों ने दो बड़े सप्लायरों के नाम बताए थे। सोमवार को प्रतिबंधित नशीली दवाओं के साथ पकड़ा गया आरोपित गुड्डू उस मुकदमे में भी वांछित था।

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प्रतिबंधित एच शेड्यूल के नशीले इंजेक्शन की खुले आम बिक्री होने की सूचना पर नौबस्ता, जूही गौशाला, बिरहाना रोड समेत कई स्थानों पर छापेमारी हुई थी। छापेमारी में के-ब्लाक किदवई नगर निवासी हिमांशु ङ्क्षसह, बारादेवी निवासी कमल किशोर व इंजेक्शन सप्लाई करने वाले खाड़ेपुर नई बस्ती निवासी शैलेश पांडेय और दोस्ती नगर उन्नाव निवासी गिरीश कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।

आरोपितों ने पूछताछ में बड़े सप्लायर नौबस्ता निवासी सुनील कश्यप और चकेरी जगईपुरवा निवासी गुड्डू का नाम बताया था। कुछ समय पहले तक दोनों की लोकेशन सूरत और महाराष्ट्र में ट्रेस हुई थी। यहां से टीम रवाना होती, उससे पहले ही शातिरों ने अपने मोबाइल नंबर बदल दिए थे। सोमवार को पुलिस ने सटीक सूचना पर गुड्डू को दबोच लिया। वह पिंटू नाम से कारोबार कर रहा था। हालांकि सुनील का अभी तक सुराग नहीं लगा है।

बिरहाना रोड में गुड्डू का है गोदाम

पुलिस को मुताबिक गुड्डू का बिरहाना रोड पर गोदाम होने की जानकारी हुई थी। वहां छापेमारी में नकली इंजेक्शन का स्टॉक मिला था।

टेबलेट में खडिय़ा, इंजेक्शन में पानी

एडीसीपी क्राइम दीपक भूकर ने बताया कि पकड़ी गई दवा का इस्तेमाल नशे में किया जाता है। यह बिना डाक्टर के पर्चे के नहीं मिल सकतीं। इसके बावजूद मेडिकल स्टोरों पर इनकी बिक्री होती है। पूछताछ में सामने आया है कि बरामद नकली जिफी में साल्ट की खडिय़ा भरी गई थी। बाजार में जिफी का पत्ता 80 रुपये का मिलता है, लेकिन शातिर इसे 45 रुपये में बेचते थे। इंजेक्शन में मिनरल वाटर का इस्तेमाल होता था। आरोपितों के मुताबिक इससे मरीजों को खतरा नहीं था।


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