चुनाव से पहले कानपुर पुलिस चिहि्नत कर रही वाट्सएप ग्रुप, सात पर है पहले से नजर
यूपी चुनाव में पुलिस ने इंटरनेट मीडिया पर भी नजर रखना शुरू कर दिया है। इसमें धार्मिक रूप से भड़काऊ मैसेज वायरल कर माहौल बिगाड़ने वाले वाट्सएप ग्रुप को चिहि्नत कर रहे हैं। सात ग्रुप नागरिकता संशोधन बिल के समय भी सक्रिय रहे थे।
कानपुर, जागरण संवददाता। विधानसभा चुनाव के दौरान इंटरनेट मीडिया भी एक बड़ा रोल अदा कर रहा है। कोविड प्रतिबंधों के दौर में उम्मीदवारों के लिए इंटरनेट मीडिया चुनाव प्रचार सबसे बड़ा साधन बनकर उभरा है। बड़ी संख्या में नए ग्रुप बने हैं। वहीं कई ग्रुप ऐसे भी हैं जो चुनाव प्रचार से इतर समाज का माहौल खराब करने का प्रयास कर रहे हैं। क्राइम ब्रांच ने ऐसे करीब एक दर्जन वाट्सएप ग्रुप चिन्हित किए हैं, जो कि समाज में जहर घोलने का काम कर रहे हैं। अब इन ग्रुपों की निगरानी हो रही है और जल्द ही आरोपितों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हो सकता है। कमिश्नरेट पुलिस सूत्रों के अनुसार जब से चुनावी हलचल शुरू हुई है, शहर में डेढ़ हजार से ज्यादा नए वाट्सएप ग्रुप बने हैं। इनके माध्यम से उम्मीदवार अपना चुनाव प्रचार कर रहे हैं। पूर्व से संचालित और नए बने वाट्सएप ग्रुपों की निगरानी क्राइम ब्रांच कर रही है।
अब तक जांच पड़ताल के दौरान एक दर्जन ऐसे ग्रुप चिन्हित हुए हैं, जिनमें जाति व धर्म के नाम पर मतदाताओं को बरगलाने का काम किया जा रहा है। खास बात यह है कि इनमें से सात ग्रुप ऐसे हैं जो लंबे समय बाद सक्रिय हुए हैं। नागरिकता संशोधन बिल के दौरान इन्हीं ग्रुप से बिल का विरोध करने के लिए माहौल बनाया जा रहा था। अब दोबारा से इन ग्रुप से भड़काऊ मैसेज डाले जा रहे हैं। एक विशेष पार्टी के लिए एक खास समुदाय को आकर्षित करने की कोशिश इन ग्रुपों के माध्यम से की जा रही हैं। जानकारी मिलने के बाद क्राइम ब्रांच अब इन ग्रुपों पर विशेष नजर रख है। अगर जरूरत पड़ी तो एडमिन और भडकाऊ पोस्ट डालने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा सकता है।