लगातार हो रही पानी की बर्बादी को रोकने के लिए कानपुर की संस्था ने तैयार किया master plan
इस बाबत सार्वजनिक स्थानों में खुले नलों को बंद करने और लोगों को जागरूक करने का काम सक्षम संस्था लगातार कर रही है। पानी की अहमियत को सभी को समझना होगा। संस्था के लोग एक-एक को बताते हैं कि कैसे पानी को बचाया जा सकता है।
कानपुर, जेएनएन। जीवन में लिए जल की हर एक बूंद बचाना बेहद जरूरी है। लीकेज और लापरवाही से होने वाली जल की बर्बादी आने वाले दिनों में बेहद ही खतरनाक स्थिति पैदा कर सकती है। इस बाबत सार्वजनिक स्थानों में खुले नलों को बंद करने और लोगों को जागरूक करने का काम सक्षम संस्था लगातार कर रही है। पानी की अहमियत को सभी को समझना होगा। संस्था के लोग एक-एक को बताते हैं कि कैसे पानी को बचाया जा सकता है।
जल प्रहरी बोले
- छोटे-छोटे उपायों से ज्यादा पानी बचाया जा सकता है। उनकी सक्षम संस्था लोगों को लगातार जागरूक कर रही है। घरों में काम करने वाली बाई को बाल्टी से पानी का प्रयोग करने देना चाहिए, ताकि पानी की बर्बादी कम हो। नल टपक भी रहा है तो उसको तुरंत ठीक कराया जाए।
डॉ. शिवा मिश्रा, सक्षम कानपुर प्रांत महिला अध्यक्ष
- सबसर्मिबल पंप एक बार सुबह चलता है। इस दौरान घर के काम और जरूरत के हिसाब से पानी भर लिया जाता है ताकि बार-बार सबसर्मिबल पंप न चलाया जाए। इससे पानी की बर्बादी के साथ बिजली की बचत भी होती है।
राधिका सतवानी, रतनलाल नगर
- धरती पर बारिश की हर बूंद लोगों के लिए भगवान के आशीर्वाद के समान है। छतों पर और सड़कों के किनारे बह रहे वर्षा के जल को बिना बर्बाद किए इकट्ठा करने की कोशिश करनी चाहिए। बड़ी इमारतों में वर्षा जल संचयन सिस्टम लगाए जाए, ताकि भूगर्भ जल दुरुस्त रहे।
दीप्ती मिश्रा, मसवानपुर
- दैनिक जागरण का यह अभियान सराहनीय है। इस अभियान के बाद से आरओ और एसी का पानी बचाकर घरों के अन्य कामों में प्रयोग कर रही हूं। इसके साथ ही लोगों को भी पानी बचाने के तरीके समझा रही हूं।
रेखा पारूथी, रतनलाल नगर
- वाशिंग मशीन से हफ्ते में एक बार कपड़ों को धोते हैं। इससे पानी बचता है। ज्यादा बहाव वाले फ्लश टैंक को कम बहाव वाले फ्लश टैंक में बदलें। संभव हो तो दो बटन वाले फ्लश का टैंक खरीदें। इसमें काफी पानी की बर्बाद होने से रोका जा सकता है।
अलका ढंढानिया, सर्वोदय नगर
- कपड़े में साबुन लगा कर पानी से धोने के पहले कपड़े को कस कर निचोड़ कर उसका साबुन काफी हद तक निकाल देती हूं, तब पानी से धोती हूं। इससे पानी की सबसे ज्यादा बचत होती है। घर की बाउंड्री के अंदर मिट्टी की कच्ची क्यारी है, बरसात का पानी उसमें भर जाता है।
अनिता श्रीवास्तव