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Kanpur News: क्रोमियम कचरा फैलाने में इकाइयों को चुकाने होंगे 280 करोड़ रुपये

वर्ष 2005 में क्रोमियमयुक्त कचरा फैलाने वाली फैक्ट्रियों को बंद करने का आदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दिया था लेकिन पूरी तरह से अमल कई वर्ष बाद हो सका। बाद में यह फैक्ट्रियां बंद कर दी गईं। इस बीच भारी मात्रा में क्रोमियम डंप कर दिया गया।

By Jagran NewsEdited By: Nitesh SrivastavaPublished: Tue, 24 Jan 2023 05:07 PM (IST)Updated: Tue, 24 Jan 2023 05:07 PM (IST)
Kanpur News: क्रोमियम कचरा फैलाने में इकाइयों को चुकाने होंगे 280 करोड़ रुपये
तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। जागरण

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : कानपुर नगर व कानपुर देहात जनपद में क्रोमियमयुक्त कचरा फैलाने वाली इकाइयों (कंपनियों) की वित्तीय जांच अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) करेगा। नियम विरुद्ध कचरे को क्षेत्र में फैलाकर मुनाफा कमाने और काली कमाई का पता लगाया जाएगा।

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एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल) ने याचिका को खारिज करते हुए फैसला दिया है और इकाइयों पर लगाए गए जुर्माने की 280 करोड़ की राशि को भी चुकाने का आदेश किया है। कानपुर नगर के जूही राखी मंडी और कानपुर देहात के खानचंद्रपुर में 25 वर्ष से अधिक समय से क्रोमियम डंप है।

वर्ष 2005 में क्रोमियमयुक्त कचरा फैलाने वाली फैक्ट्रियों को बंद करने का आदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दिया था लेकिन पूरी तरह से अमल कई वर्ष बाद हो सका। बाद में यह फैक्ट्रियां बंद कर दी गईं। इस बीच भारी मात्रा में क्रोमियम डंप कर दिया गया।

बंद की गई फैक्ट्रियों में कीर्तिमान शाह की अमिलिया टेक्सटाइल, दिलीप अवस्थी की चांदनी केमिकल्स व सेरुलीन केमिकल्स, केसी अग्रवाल की हिल्जर केमिकल्स, केके जैन की रुक्मणी केमिकल्स और पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी की वारिस केमिकल्स फैक्ट्री शामिल हैं।

वर्ष 2018 में इन फैक्ट्रियों पर 280 करोड़ का जुर्माना लगाया गया था लेकिन इन सभी ने एनजीटी में अपील करके आरोप लगाया था कि डंप क्रोमियम कचरा अकेले उनका नहीं बल्कि अन्य दूसरी इकाइयों का भी है, इससे इतने जुर्माना के वह भागी नहीं है।

अब एनजीटी ने उनकी अपील को खारिज करते हुए पूरा 280 करोड़ रुपये की जुर्माना राशि चुकाने के आदेश दिए हैं। प्रवर्तन निदेशालय को इन इकाइयों की वित्तीय जांच कराने के भी आदेश दिए हैं। इससे फैक्ट्रियों के संचालकों की मुश्किलें बढ़ सकती है।

हो रहा निस्तारण

खानचंद्रपुर में जमा क्रोमियम का निस्तारण एक माह पूर्व शुरू किया गया है। दो कंपनियां उठाकर इसे कुंभी वेस्ट प्लांट में ले जाकर निस्तारित कर रहीं हैं। इसमें प्रति टन के हिसाब से निस्तारण पर करीब 11.5 हजार रुपये कार्यदायी संस्था को मिलेगा। गांव में पानी दूषित हो गया था जहां पानी की टंकी बना पेयजल दिया जा रहा।


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