कानपुर, जागरण संवाददाता: पुलिस पर वसूली का आरोप लगना तो आम बात हो गई है, लेकिन सोमवार को यूपी 112 के पीआरवी जवानों की ओर से सार्वजनिक स्थानों पर चस्पा किया पत्र इंटरनेट मीडिया में प्रचलित हो गया। पत्र पीआरवी के जवानों से होने वाली वसूली की हकीकत बयां कर रहा था। जवानों ने नोडल अधिकारी और तीन दारोगाओं द्वारा रैकेट चलाने का आरोप लगाया गया है।
जवानों ने दक्षिण में केशव नगर भाजपा क्षेत्रीय कार्यालय के बाहर व हाईवे पर पत्र चस्पा किए हैं। पत्र की फोटो इंटरनेट मीडिया में प्रचलित होने के बाद पुलिस आयुक्त ने मामले की जांच डीसीपी मुख्यालय को सौंपी है।
प्रचलित हुए पत्र में पीआरवी के जवानों ने लिखा है कि बीते डेढ़ वर्ष से वह लोग उगाही का शिकार हो रहे हैं। यूपी 112 के पूर्व अधिकारी ने इसकी शुरुआत की थी। यूपी 112 में तैनात एक दारोगा पीआरवी जवानों से वसूली करता था।
बीते छह माह से ट्रांसफर-पोस्टिंग न होने से मौजूदा नोडल अधिकारी पीआरवी का औचक निरीक्षण कराकर प्रतिदिन दो से तीन गाड़ियों की रपट लिखकर परेशान करते हैं। इसके बाद मुंशी करेक्टर रोल खराब करने की धमकी देकर प्रति व्यक्ति के हिसाब से 10 से 15 हजार रुपये की वसूली करता है। अधिकारी अपने लोगों को लगाकर पीआरवी जवानों का वीडियो बनवाने के साथ शिकायत कराते हैं।
बाद में क्लीनचिट देने के नाम पर 10 से 15 हजार की वसूली की जाती है। पीआरवी जवानों ने चस्पा किए गए पत्र में लिखा है कि बिल्हौर, घाटमपुर, सचेंडी, महाराजपुर हाईवे पर पीआरवी जवानों से वसूली कराई जाती है।
यूपी-112 में तैनात एक अन्य दारोगा अपने साथी दारोगा संग मिलकर 30 से 40 हजार रुपये की प्रतिदिन वसूली करते हैं। उगाही से पीड़ित होकर पीआरवी जवानों ने भाजपा के केशव नगर स्थित क्षेत्रीय कार्यालय, हाईवे पर सार्वजनिक स्थानों पर चस्पा किए हैं।
डीसीपी मुख्यालय को सौंपी गई जांच
पुलिस आयुक्त बीपी जोगदण्ड ने बताया कि इंटरनेट मीडिया में यूपी 112 के संदर्भ में लिखा हुआ पत्र प्रचलित होने की जानकारी हुई थी। डीसीपी मुख्यालय रवीना त्यागी को मामले की जांच सौंपी गई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।