कानपुर, जागरण संवाददाता: साइबर ठगी और आईटी एक्ट के मामलों में सजा कम होने के चलते अपराधी जल्दी छूट जाते हैं। दूसरे प्रदेशों में ठगी के कारण इन पर दूसरी बार कार्रवाई करने में भी पुलिस को परेशानियां होती हैं। शासन के निर्देश पर अब पुलिस साइबर ठगों पर गैंगस्टर की भी कार्रवाई करेगी। कमिश्नरेट पुलिस ने गैंगस्टर में कार्रवाई और चार्जशीट की प्रक्रिया शुरू की है।
बढ़ते साइबर अपराध पर अंकुश लगाने और साइबर अपराधियों पर शिकंजा कसने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। मौजूदा समय में एक दिन में करीब तीन ठगी की रिपोर्ट दर्ज की जाती है। वर्ष 2022 में साइबर से संबंधित साढ़े पांच सौ मामलों में चार सौ से ज्यादा ऐसे हैं, जिसमें ठगी की रकम होल्ड कराई गई है। आईटी एक्ट में सजा कम होने से आसानी से आरोपी जमानत पर छूट जाते हैं। इनकी घेराबंदी के लिए अब कई स्तर पर काम किया जा रहा है।
नियमानुसार पांच लाख से अधिक की धोखाधड़ी में सात साल की सजा है। अगर ठगी की रकम पांच लाख से कम है, तो उसमें साइबर ठगों की गिरफ्तारी नहीं होती और जमानत हो जाती है। यही कारण है कि शातिर टुकड़ों में रकम निकाल कर अलग-अलग खातों में डालते हैं। सजा कम होने और आसानी से जमानत मिलने से इन पर कड़ी कार्रवाई नहीं हो पाती। अब पुलिस इन पर गैंगस्टर की कार्रवाई करेगी। इतना ही नहीं इन आरोपियों की जमानत लेने वालों की भी सूची तैयार की जाएगी।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, गिरोह में पांच से ज्यादा आरोपी शामिल किए जाएंगे। आरोपी जितनी भी घटनाओं को अंजाम देंगे और उसकी रकम पांच लाख से अधिक होगी। जिससे इन्हें जेल में रखना आसान होगा और जमानत नहीं मिल पाएगी।
ऐसे करते हैं ठगी
मेल आईडी हैक करके वाट्सएप पर लोगों से रुपयों की मांग करना
फेसबुक से जानकारी लेकर दोस्ती करके उपहार भेजने के नाम पर
अंगूठे के प्रिंट का इस्तेमाल करके खातों से रकम निकाला
इन्होंने कहा…
साइबर थाना प्रभारी हरमीत सिंह ने बताया कि साइबर अपराधियों की कमर तोड़ने के लिए शासन से निर्देश मिले हैं। जिसके तहत अब साइबर अपराधियों पर गैंगस्टर की भी कार्रवाई की जा सकेगी।