Move to Jagran APP

Kanpur Naptol Column: यहां की राजनीति इतनी भी आसान नहीं.., हर जगह चलती सेटिंग

कानपुर शहर में व्यापारी राजनीति की हलचल को बयां करता है नापतोल के कालम। पिछले कुछ माह से शहर के एक व्यापारी नेता अचानक लखनऊ की राजनीति तक बहुत ज्यादा ही सक्रिय हो गए हैं। विधानसभा चुनाव निकट आने के साथ दावेदारों के बीच कटुता बढ़ती ही जा रही है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Thu, 23 Sep 2021 12:52 PM (IST)Updated: Thu, 23 Sep 2021 12:52 PM (IST)
Kanpur Naptol Column: यहां की राजनीति इतनी भी आसान नहीं.., हर जगह चलती सेटिंग
कानपुर शहर की व्यापारिक राजनीति हलचल है नापतोल के।

कानपुर, [राजीव सक्सेना]। कानपुर शहर में व्यापारिक गतिविधियों के साथ राजनीतिक हलचल भी खासा तेज रहती है। ऐसी हलचल जो सुर्खियां नहीं बन पाती हैं, उन्हें चुटीले अंदाज में लेकर फिर अाया है नापतोल के कालम...।

prime article banner

इसे कहते हैं जीत को बड़ा दिखाना

पिछले कुछ माह से शहर के एक व्यापारी नेता अचानक लखनऊ की राजनीति तक बहुत ज्यादा ही सक्रिय हो गए हैं। चर्चा में बने रहने के लिए वह कुछ न कुछ नया करने में जुटे रहते हैं। पुरानी कमेटी भंग करने, नई कमेटी बनाने, मनोनयन करने में इन्हें महारत हासिल है। पिछले दिनों अपने ही जिला संगठन को भंग कर दिया और उसके बाद खुद ही चुनाव भी करा दिया। मतदान हुआ तो खुद ही 300 से ज्यादा वोट पडऩे का दावा किया। चुनाव में किसी को भी अध्यक्ष पद पर किसी को भी वोट देने का अधिकार दिया गया था। गिनती हुई तो सिर्फ दो लोगों को एक-एक वोट मिले बाकी तीन सौ से ज्यादा सभी वोट उन्हें ही मिले। अब उन्हीं के संगठन के व्यापारी नेता कह रहे हैं कि अपनी जीत बड़ी दिखानी थी, इसलिए दो लोगों को एक-एक वोट दिला दिए वरना चुनाव ही फर्जी लगता।

रेस्टोरेंट के जरिए विरोधियों को संकेत

विधानसभा चुनाव निकट आने के साथ ही टिकट के दावेदारों के बीच कटुता बढ़ती ही जा रही है। पिछले दिनों एक विधानसभा क्षेत्र के टिकट के दो दावेदारों के बीच टेलीफोनिक संवाद खूब वायरल हुआ। पार्टी के हर नेता के मोबाइल पर वह आडियो क्लिप शोभा बनी थी। हर महफिल में उसे खूब सुना और सुनाया जा रहा था। चुनाव से पहले ही हर तरह से निपटने की बात भी कही गई। मामला तूल पकड़ ही रहा था कि नेताजी ने अपनी कारोबारी बुद्धि लगाई। संगठन की तरफ से उस क्षेत्र में जिसे जिम्मेदारी सौंपी गई है, उसका कार्यक्रम अपने रेस्टोरेंट में ही रखवा लिया। कार्यक्रम भी हुआ और खाना-पीना भी। लोगों ने जिम्मेदार नेताजी से इस मसले पर बात की तो उन्होंने इस तरह की किसी जानकारी से ही इन्कार कर दिया। अब पार्टी नेता कह रहे हैं कि भाई, लगता है रेस्टोरेंट की ट्रिक काम कर गई है।

यहां की राजनीति इतनी भी आसान नहीं

कानपुर में व्यापारियों की सबसे ज्यादा राजनीति है लेकिन यहां इनकी राजनीति करना भी आसान नहीं है। फिलहाल एक के बाद एक कई उदाहरण तो यही बता रहे हैं कि यह देखने में जितना आसान लगता है, उतना है नहीं। अपने ही एक मोहरे को बढ़ाने पर दूसरे के नाराज होने का खतरा बना हुआ है। पिछले दिनों एक नया संगठन बना। हालांकि तय था कि संगठन में कौन-कौन शामिल होगा लेकिन अभी तक कमेटी घोषित नहीं हो सकी है। हर पद के लिए इतने नाम हैं कि खुद नाम तय करने वाले चकराए हुए हैं कि शतरंज की इस चौसर में किसे किस खाने में फिट किया जाए। यह परेशानी अकेली इनकी नहीं है। एक और संगठन है जिसने पिछले दिनों दो दर्जन से ज्यादा जिलों में अध्यक्षों की घोषणा की। उसने कानपुर ग्रामीण में तो अध्यक्ष घोषित कर दिया लेकिन नगर के नाम पर अभी हिचकिचाहट कायम है।

सेटिंग हर जगह

व्यापारिक राजनीति के वाट््सएप ग्रुप में सबसे ज्यादा सक्रिय रहने वाले व्यापारी नेता ने नई सेटिंग तलाश ली है। भाई का एक कदम कानपुर तो दूसरा नोएडा में रहता है। महीने में आधे दिन यहां तो आधे दिन वहां। हो भी क्यों नहीं भाई का एक घर वहां भी है। अब कुछ भी हो नोएडा की व्यापारिक राजनीति में जुडऩे के अपने ही लाभ हैं। आखिर कानपुर से तो औद्योगिक व व्यापारिक परि²श्य से वह कई गुना बड़ा है ही, इसलिए अचानक ही उन्होंने चुपचाप नए संगठन से हाथ मिला लिया। प्रदेश स्तर का पद भी मिल गया। अब कानपुर में उन्होंने इतना कुछ फैलाया है, उसे भी यूं नहीं छोड़ा जा सकता है, इसलिए प्रदेश के पद के साथ कानपुर में संगठन को खड़ा करने की जिम्मेदारी भी ले ली है। उन्हें जानने वाले भी कह रहे हैं कि भइया ने तो दोनों ही जगह सेटिंग कर ली है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.