अब घर में नहीं पाल सकेंगे पिटबुल और राड वीलर, कानपुर नगर निगम ने लगाया प्रतिबंध, नहीं मानने पर लगेगा जुर्माना
कानपुर नगर निगम सदन में शहर से पिटबुल और राड वीलर नस्ल के कुत्तों को बाहर करने और नियम विरुद्ध् घरों में पालने ब्रीडिंग या व्यापार करने वालों पर जुर्माना लगाने व कार्रवाई करने का फैसला लिया गया है।
कानपुर, जागरण संवाददाता। पिटबुल और राट वीलर जैसी विदेशी नस्ल के खूंखार कुत्ते अब घर में नहीं पाल सकते हें। कानपुर नगर निगम में ऐसे कुत्तों को शहर से बाहर करने का फैसला किया है और नियम न मानने वालों पर भारी भरकम जुर्माना लगाने के साथ कुत्ता जब्त करने का आदेश जारी किया है।
लखनऊ, गाजियाबाद, मेरठ की घटना के बाद पिटबुल कुत्ते ने सरसैया घाट पर गाय पर हमला कर दिया था। पिटबुल कुत्ते के हमले की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए कानपुर नगर निगम सदन में शहर के अंदर पिटबुल समेत बुल टेरियर- अमेरिकन बुल, अमेरिकन पिटबुल) और रोटवीलर को पालने पर प्रतिबंधित लगाने का फैसला लिया गया। कुत्ता रखने वालों पर जुर्माना लगाने के साथ कार्रवाई की जाएगी।
सदन में रखे गए प्रस्ताव में कहा गया है कि विदेशी खूंखार प्रजाति के फाइटिंग डाग्स को रखने के लिए लोगों के पास पर्याप्त बड़ा आवास या फार्म हाउस नहीं होता है, जिससे वह स्ट्रेस में आ जाते हैं और लोगो पर हमला करते हैं। जनता को खूंखार कुत्तों के हमले से बचाव के लिए शहर सीमा से कुत्तों की दो प्रजातियां पिटबुल और रोटवीलर को पालने पर प्रतिबंधित किया जाता है।
दोनों प्रजातियों के कुत्तों के ब्रीडिंग पर व्यापार करने व बेचने के उद्देश्य से रखने पर नगरीय क्षेत्र में पर रोक लगायी जाती है। यदि कोई व्यक्ति उपरोक्त दो प्रजाति के कुत्तों को नगर निगम सीमा में अवैध रूप से रखता है तो उसपर पांच हजार रुपये दंड लगाया जाएगा और कुत्ते को जब्त कर लिया जाएगा।
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जानवरों व पक्षियों के अवैध व्यापार पर कार्रवाई
शहर में कुत्तों, बिल्लियों और पक्षियों का अवैध व्यापार किया जा रहा है। बिना मानकों को पूरा किये कुत्तों की ब्रीडिंग करायी जाती है, सिर्फ पेट शाप के माध्यम से इनको बेचने का कार्य किया जाता है। यहां तक की व्हाट्सएप के माध्यम से कुत्तों और पक्षियों का खरीद-फरोख्त किया जाता है जबकि यह नियम विपरीत है भविष्य में मानको को पूरा किये जाने पर तथा पेट्स शाप में आवश्यक व्यवस्थाएं, पर्याप्त स्थान, चिकित्सा और प्रशिक्षक की व्यवस्था के बाद ही नगर निगम से अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया जायेगा।
नगर निगम के अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के बाद ही पश्चात् ही शहर में कोई व्यक्ति डाग ब्रीडिंग एवं पेटस शाप संचालन का कार्य कर सकता है, बिना मानकों को पूर्ण किये तथा बिना नगर निगम कानपुर की एनओसी के संचालित की जा रही दुकानों पर दस हजार रुपये जुर्माना लगाया जाएगा और दुकान को सीज करने की कार्यवाही की जायेगी। प्रथम दार एनओसी प्राप्त करने के लिये पांच हजार रुपये फीस निर्धारित की जाती है, साथ ही साथ प्रतिवर्ष एक हजार रुपये फीस जमा करने और नवीनीकरण काराय जाना है।