तीन ट्रेनों के एसी कोच में लूटपाट का मामला दबा गई रेलवे पुलिस, छिनैती में लिखा मुकदमा
कानपुर मुगलसराय के अलावा दिल्ली में भी एक मुकदमा दर्ज हुआ है।
फतेहपुर, जेएनएन। सिग्नल लाल करके तीन ट्रेनों में हुई डकैती के मामले को हल्का करने में मुगलसराय जीआरपी ने कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी थी। हथियारबंद पांच-छह बदमाशों के एसी कोच में महिला यात्रियों से लूटपाट के बाद भी पुलिस ने छिनैती (धारा-380) में मुकदमा दर्ज किया। इसकी जानकारी तब मिली जब निल पर दर्ज तीन मुकदमे फतेहपुर जीआरपी स्थानांतरित किए गए। पुलिस इसे लूट या डकैती मानने को तैयार ही नहीं है।
बीते शुक्रवार की रात मलवां थाना क्षेत्र के चखेड़ी रेलवे गेट नंबर 54 के पास हथियारबंद डकैतों ने राजधानी, संपूर्णक्रांति और गरीबरथ एक्सप्रेस के एसी कोच में महिला यात्रियों से लूटपाट की थी। इस घटना को चार दिन बीत चुके हैं लेकिन डकैतों का कुछ पता नहीं चला है। संपूर्ण क्रांति के एसी कोच में सवार मनीषा पुत्री स्व.अजय कुमार निवासी ग्राउंड फ्लोर मालवीय नगर, नई दिल्ली ने मोबाइल, ज्वैलरी की लूट की एफआइआर मुगलसराय जीआरपी थाने मेें दर्ज कराई थी। वहां अपराध संख्या निल के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
इसी ट्रेन के एसी कोच में सवार माधुरी झा पत्नी अजय कुमार निवासी खरका बसंत नानपुर जिला सीतामढ़ी प्रांत बिहार ने भी वहां दस हजार रुपये, मोबाइल व आइडी आदि छीनने का मुकदमा लिखाया था। कानपुर में राजधानी के कोच ए-5 से सफर कर रही पूजा पत्नी मनीष ने कानपुर में सोने की चेन और मोबाइल लूटने की शिकायत दर्ज कराई। दोनों जगह पर जीआरपी ने डकैती के बजाय छिनैती का मुकदमा दर्ज किया था। एक मुकदमा दिल्ली में भी दर्ज हुआ है। जीआरपी थाना प्रभारी अरङ्क्षवद सरोज ने बताया कि दिल्ली में दर्ज मुकदमे की चिट आने वाली है। बाकी मुकदमे यहां आ गए हैं। तीनों मुकदमों की विवेचना खुद करेंगे और तथ्यों के हिसाब से कार्रवाई करेंगे।
पीडि़तों ने बताया-नहीं थे हथियार : एसपी रेलवे
एसपी रेलवे मनोज झा ने डकैती से इन्कार किया है। बकौल एसपी, पीडि़तों ने बताया कि ट्रेनों के एसी कोच में दो-दो युवक चढ़े थे। तीसरा बाहर खड़ा था। सिर्फ तीन छिनैती करने वाले ही थे जो यात्रियों का मोबाइल, नकदी व ज्वैलरी छीनकर चले गए। उनसे न तो मारपीट हुई और न ही बदमाशों के पास कोई शस्त्र था। पीडि़त यात्रियों की तहरीर के आधार पर ही मुकदमा दर्ज किया गया है।
चार दिन भी हाथ खाली
घटना के चार दिन गुजरने के बाद भी पुलिस हवा में हाथ-पांव मार रही है। सुरागरसी और कई संदिग्ध लोगों से पूछताछ के बाद भी स्वाट, एसओजी, आरपीएफ और पुलिस टीम के हाथ कोई ऐसा क्लू नहीं लगा है जिससे डकैतों का पता चल सके। अब पुलिस की एक टीम पड़ोसी जिले हमीरपुर, चित्रकूट व मानिकपुर में डेरा डालकर गिरोहों की टोह ले रही है। सहायक सुरक्षा आयुक्त पीसी पंजाबी व जीआरपी डिप्टी एसपी राजेश दुबे के नेतृत्व में अब तक पुलिस टीमें पनकी, घाटमपुर, बिंदकी, कंसपुर गुगौली, मलवां, चखेड़ी, सतनरैनी, कटोघन, खागा, सिराथू, मुगलसराय से कई संदिग्ध लोगों से पूछताछ कर चुकी हैं।
टीमें इटावा, बुलंदशहर और अलीगढ़ पुलिस से संपर्क के बाद वहां शातिर गैंग सदस्यों से पूछताछ के लिए गई हैं। जिले में भी शातिरों की कुंडली खंगाली जा रही है। जीआरपी थाना प्रभारी अरङ्क्षवद सरोज व कंपनी कमाण्डर आरपीएफ प्रवीण सिंह ने बताया कि जिस जिले में रेड सिग्नल कर घटनाएं की गई हैं, वहां रेलवे पुलिस से संपर्क कर स्थानीय पुलिस की मदद ली जा रही है।
माघ मेला में गए अधिकारी, धीमी पड़ सकती जांच
ट्रेन डकैती प्रकरण की जांच कर रहे सहायक सुरक्षा आयुक्त व डिप्टी एसपी मंगलवार को माघ मेला की सुरक्षा देखने प्रयागराज रवाना हो गए हैं। इससे अब जांच की रफ्तार धीमी पडऩे की आशंका है।
आरपीएफ को सौंपे सीसीटीवी फुटेज
वरिष्ठ खंड अभियंता सिग्नल एवं टेलीकॉम राकेश पंडोले की टीम ने सीसीटीवी कैमरे की फुटेज कम्प्यूटर आरपीएफ को सौंप दी। सिग्नल इंजीनियर ने बताय कि घटना के एक दिन पूर्व व एक दिन के बाद यानी तीन दिन के फुटेज दिए गए हैं।