Kanpur: MLA इरफान सोलंकी 20 दिसम्बर तक न्यायिक हिरासत में रहेंगे, फर्जी आधार कार्ड पर की थी यात्रा
Kanpur फर्जी यात्रा मामले में सपा विधायक इरफान सोलंकी और नूरी शौकत के भाई अशरफ की न्यायिक हिरासत की अवधि 20 दिसंबर तक बढ़ा दी गई है। अभियोजन के तर्कों से संतुष्ट होने के बाद न्यायालय ने न्यायिक हिरासत की अवधि बढ़ाई है।
कानपुर, जागरण संवाददाता: फर्जी यात्रा मामले में सपा विधायक इरफान सोलंकी और नूरी शौकत के भाई अशरफ की न्यायिक हिरासत की अवधि 20 दिसंबर तक बढ़ा दी गई है। अभियोजन के तर्कों से संतुष्ट होने के बाद न्यायालय ने न्यायिक हिरासत की अवधि बढ़ाई। बता दें इससे पहले और मजबूत साक्ष्य प्रस्तुत करने के के लिए न्यायालय ने सपा विधायक को सात दिन और अशरफ को एक दिन के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेजा था।
सपा विधायक इरफान सोलंकी पर आरोप हैं कि उन्होंने सपा नेत्री नूरी शौकत के भाई अशरफ का फर्जी आधार कार्ड बनाया और उसी पर दिल्ली से मुंबई तक की यात्रा की। इस मामले में ग्वालटोली पुलिस ने नूरी समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया था जबकि सपा विधायक समेत दो लोगों ने सरेंडर किया था।
बुधवार को इस मामले में अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट तृतीय के न्यायालय में सुनवाई शुरू हुई। विवेचक की ओर से विवेचना जारी होने की बात कहते हुए 14 दिन की अवधि के लिए न्यायिक हिरासत बढ़ाने की मांग की गई। इस पर बचाव पक्ष की ओर से बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अधिवक्ता नरेश चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि पुलिस के पास कोई ठोस साक्ष्य नहीं है।
प्राथमिक साक्ष्य जो पेश किए गए हैं वह गढ़े गए हैं। इस पर अभियोजन की ओर से अभियोजन अधिकारी शैलेष अग्निहोत्री और लवलेश ने विरोध करते हुए कहा कि जांच के लिए टीम बना दी गई है। मामले की विवेचना चल रही है। पांच से अधिक पर्चे काटे गए जो न्यायालय को दिखाए गए।
दिल्ली से मुंबई के बीच दो घंटे के दौरान सपा विधायक की लोकेशन मिली है। इसके लिए दो इंटरनेशनल एयरपोर्ट दिल्ली और मुंबई से वैधानिक तरीके से साक्ष्य एकत्र करने हैं जिसके लिए नियमित प्रक्रिया करनी होगी। इसमें वक्त लगेगा। रिमांड अवधि बढ़ाने के लिए सीआरपीसी की धारा 167(2) में दिए गए प्राविधान 14 दिन का रिमांड पर कहा गया कोई भी संदेह है तो भी प्राथमिक स्तर पर रिमांड दिया जाएगा। उसके बाद प्राथमिक साक्ष्य देखे जाएंगे।
विवेचना चल रही है ऐसे में विवेचक को कोर्ट में पेश होना पड़ रहा है जबकि साक्ष्य संकलन जरूरी है। पुलिस के पास 90 दिन का समय है। तर्क दिया कि टिकट बनाना और उससे यात्रा करना मूल्यवान प्रतिभूति की श्रेणी में है। अभियोजन अधिकारियों ने बताया कि तर्कों से संतुष्ट होकर न्यायालय ने न्यायिक हिरासत की अवधि को 20 दिसंबर तक के लिए बढ़ा दिया है।