कानपुर में मेट्रो का काम फिर पकड़ेगा गति, चुनाव समाप्ति के बाद अब बसें भेज बंगाल से बुलाए जाएंगे कामगार
Kanpur Metro Project एक तरफ पश्चिम बंगाल का चुनाव और दूसरी ओर होली के बाद कोरोना संक्रमण की तेज रफ्तार ने कामगारों को वहीं रोका दिया था। मेट्रो प्रबंधन इन दोनों के ही खत्म होने का इंतजार कर रहा था।
कानपुर, जेएनएन। पश्चिम बंगाल के चुनाव खत्म हो चुके हैं। मेट्रो प्रबंधन को इसका बेसब्री से इंतजार था। अब मेट्रो के अधिकारी इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि कोरोना का संक्रमण कुछ धीरे पड़े तो वे बस भेज कर अपने कामगारों को वापस बुलाए और काम की रफ्तार एक बार फिर तेज की जा सके।
मेट्रो की टीम इस समय करीब 70 फीसद कम कामगारों के साथ काम कर रही है। इसके चलते होली के बाद से मेट्रो के काम की रफ्तार बहुत कम है। मेट्रो में सबसे ज्यादा कामगार पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार व पश्चिम बंगाल के हैं। इसमें बंगाल के कामगार मेट्रो के लिए सबसे ज्यादा प्रशिक्षित माने जाते हैं। उनके काम की रफ्तार काफी ज्यादा तेज और अच्छी है। होली के मौके पर अपने घर गए कामगार अभी तक लौट कर नहीं आए हैं। हालांकि उन्हें ट्रेन से वापसी का टिकट भी दिया गया था। एक तरफ पश्चिम बंगाल का चुनाव और दूसरी ओर होली के बाद कोरोना संक्रमण की तेज रफ्तार ने कामगारों को वहीं रोका दिया था। मेट्रो प्रबंधन इन दोनों के ही खत्म होने का इंतजार कर रहा था। अब पश्चिम बंगाल के चुनाव खत्म हो चुके हैं और पिछले दो दिन से कोरोना के केस भी पहले के मुकाबले कम होने लगे हैं। मेट्रो के अधिकारी इन हालात पर नजर रखे हुए हैं। अधिकारियों के मुताबिक जैसे ही कोरोना की रफ्तार थोड़ी और घट जाएगी, कानपुर से बसें भेजकर कामगारों को बुलाना शुरू हो जाएगा। इसमें जो कामगार नहीं आना चाहेंगे उनकी जगह दूसरे कामगार ले आए जाएंगे। अधिकारियों का कहना है कि पश्चिम बंगाल का चुनाव होने की वजह से अभी तक वहां बस भेजने में रिस्क था। इसलिए अब इसे आसानी से किया जा सकेगा। अधिकारियों का मानना है कि इस माह के अंत तक मेट्रो का कार्य फिर तेज हो जाएगा।