आज गुजरात से रवाना कानपुर मेट्रो की तीसरी ट्रेन के कोच, अब तक डिपो में केवल दो ही ट्रेन
मेट्रो ने आइआइटी से मोतीझील के बीच हर पांच मिनट में मेट्रो उपलब्ध कराने की बात कही है। इसके लिए मेट्रो को आठ ट्रेन चाहिए होंगी ताकि अगर कोई ट्रेन मरम्मत के लिए रोकी भी जाए तो भी उसका प्रभाव ना पड़े।
कानपुर, जागरण संवाददाता। मेट्रो को अगले चार सप्ताह में छह और ट्रेन चाहिए। अभी कानपुर में मात्र दो ट्रेन हैं। आज गुजरात से तीसरी ट्रेन के कोच रवाना होंगे। आइआइटी से मोतीझील के बीच स्थित नौ स्टेशन में मेट्रो को आठ ट्रेनें चलानी हैं।
मेट्रो ने आइआइटी से मोतीझील के बीच हर पांच मिनट में मेट्रो उपलब्ध कराने की बात कही है। इसके लिए मेट्रो को आठ ट्रेन चाहिए होंगी ताकि अगर कोई ट्रेन मरम्मत के लिए रोकी भी जाए तो भी उसका प्रभाव ना पड़े। सितंबर में मेट्रो की ट्रेनों का कानपुर में आगमन शुरू हुआ था। 18 सितंबर को पहली ट्रेन के कोच गुजरात से रवाना हुए थे और अब दो माह बाद तीसरी ट्रेन के कोच रवाना हो रहे हैं। मेट्रो इनके पांच दिन में कानपुर आने की उम्मीद है।
कानपुर में मेट्रो को दोनों कारीडोर के लिए 39 ट्रेनों की जरूरत है। इसमें से 29 ट्रेन आइआइटी से नौबस्ता के पहले कारीडोर के बीच चलेंगी वहीं 10 ट्रेनें सीएसए से बर्रा आठ के बीच चलेंगी। अभी आइआइटी से मोतीझील के बीच प्रायरिटी कारीडोर पर ही ट्रेन चलने जा रही है। इसलिए इन नौ स्टेशन के लिए मेट्रो को आठ ट्रेनों की जरूरत है। हालांकि मेट्रो के अधिकारियों का दावा है कि उन्हें छह ट्रेनें भी मिल गईं तो वह संचालन शुरू कर लेंगे लेकिन बड़ी समस्या यह है कि पहले दो माह में उन्हें सिर्फ दो ट्रेन मिली हैं और अब इससे आधे समय यानी एक माह में उन्हें तीन गुनी ट्रेन यानी छह ट्रेन चाहिए। मेट्रो के सामने दिसंबर में यात्रियों के लिए ट्रेन चलाने का दबाव है क्योंकि खुद मुख्यमंत्री इसकी घोषणा कर गए हैं। वैसे मेट्रो ने इन ट्रेनों को चलाने के लिए अपने स्टाफ को भी कानपुर बुला लिया है। जो स्टेशन भी देखेगा।