कानपुर की विरासत से रूबरू होंगे लोग, मेट्रो स्टेशन की दीवारों पर दिखेगी उद्योग नगरी की झलक
यूपीएमआरसी इसके लिए छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के फाइन आर्ट विभाग के छात्र-छात्राओं से मदद लेगा। फाइन आर्ट के जरिए उसकी झलक दिखाई जाएगी। धार्मिक नगरी बिठूर भी यहां की महत्ता बढ़ता है। ब्रिटिश काल से ही कानपुर देश का बड़ा औद्योगिक केंद्र रहा है।
कानपुर, जेएनएन। आइआइटी से लेकर मोतीझील तक बन रहे नौ स्टेशन की दीवारों पर कानपुर से जुड़ी एतिहासिक विरासत को पेंटिंग के रूप में उकेरा जाएगा। दरअसल, यह शहर जीवनदायनी गंगा के तट पर बसा है। धार्मिक नगरी बिठूर भी यहां की महत्ता बढ़ता है। ब्रिटिश काल से ही कानपुर देश का बड़ा औद्योगिक केंद्र रहा है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। यहां रिवर साइड पावर स्टेशन, पनकी पावर स्टेशन, एल्गिन मिल, स्वदेशी काटल मिल, विक्टोरिया मिल, लाल इमली, आर्डिनेशन फैक्ट्रियां रहीं हैं। छोटे-बड़े कल कारखाने भी हैैं। इसके अलावा धार्मिक एवं सांस्कृतिक केंद्र भी है।
सीएसजेएमयू से लेंगे मदद
यूपीएमआरसी इसके लिए छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के फाइन आर्ट विभाग के छात्र-छात्राओं से मदद लेगा। फाइन आर्ट के जरिए उसकी झलक दिखाई जाएगी।
इनका ये है कहना
कानपुर ब्रिटिश काल से औद्योगिक नगरी के नाम से प्रसिद्ध है। धर्म एवं संस्कृति में भी समृद्ध है। इसलिए मेट्रो स्टेशनों पर इसकी झलक दिखेगी, ताकि शहरवासियों के अलावा बाहर से आने वाले भी कानपुर की विरासत से रूबरू हो सकें। - कुमार केशव, प्रबंध निदेशक, उत्तर प्रदेश रेल मेट्रो कॉरपोरेशन।