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कानपुर के कारोबारी ने बताई बिल पर Islam the only solution लिखने की वजह, अब मांग रहा माफी

कारोबारी बिल की पर्ची के अंत में ‘इस्लाम द ओनली साल्यूशन’ प्रिंट करके दे रहा था। धार्मिक प्रचार की यह भाषा वरिष्ठ आइएएस मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन की तकरीरों और साहित्य से मेल खाती है। दैनिक जागरण ने 20 अक्टूबर के अंक में इस मामले को प्रकाशित किया था।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Thu, 21 Oct 2021 05:31 PM (IST)Updated: Fri, 22 Oct 2021 09:38 AM (IST)
कानपुर के कारोबारी ने बताई बिल पर Islam the only solution लिखने की वजह, अब मांग रहा माफी
हिरासत में जानकारी देता कारोबारी और बरामद हुई पर्ची।

कानपुर, जेएनएन। ग्राहकों को दिए जाने वाले बिल की पर्ची पर आपत्तिजनक धार्मिक भाषा प्रिंट करने वाले कारोबारी पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। आरोपित कारोबारी को हिरासत में लेकर स्थानीय खुफिया इकाई (एलआइयू) के अलावा इंटेलीजेंस ब्यूरो (आइबी) और आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने लंबी पूछताछ की और नोटिस दी। कारोबारी ने पुलिस को लिखित माफीनामा देकर कहा कि उसका इरादा किसी की भावनाएं आहत करने का नहीं था। फिलहाल उसे छोड़ दिया गया है।

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कारोबारी बिल की पर्ची के अंत में ‘इस्लाम द ओनली साल्यूशन’ प्रिंट करके दे रहा था। धार्मिक प्रचार की यह भाषा वरिष्ठ आइएएस मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन की तकरीरों और साहित्य से मेल खाती है। दैनिक जागरण ने 20 अक्टूबर के अंक में ‘दुकान में बिल की पर्ची से धार्मिक प्रचार, जांच शुरू’ शीर्षक से खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी। इसकी जानकारी मिलते ही पुलिस आयुक्त असीम अरुण ने जांच के आदेश दिए थे। खबर प्रकाशित होते ही डीसीपी पूर्वी प्रमोद कुमार के नेतृत्व में कोतवाली पुलिस ने आरोपित कारोबारी को पकड़ लिया। पता चला कि रबड़ व्यापारी का नाम मोहम्मद सालिम है, वह मेस्टनरोड स्थित मैदा बाजार का रहने वाला है। पुलिस को दिए गए लिखित माफीनामा में सालिम ने कहा है कि उसकी पापुलर ट्रेडिंग कंपनी के नाम से फर्म है। बिल बनाने के लिए उसके पिता स्वर्गीय मोहम्मद हसीन 10 साल पहले एक मशीन लेकर आए थे। व्यापार में बरकत के लिए उन्होंने बिल पर्ची पर इस्लाम द ओनली साल्यूशन लिखवा दिया था। तीन साल पहले पिता की मृत्यु हो चुकी है।

दिन भर हुई पूछताछ: रबड़ कारोबारी सालिम को हिरासत में लिए जाने के बाद कानपुर से लखनऊ तक माहौल गरम रहा। शासन स्तर से पूरे दिन मामले में अपडेट लिए जाते रहे। पुलिस मुख्यालय के साथ ही प्रशासनिक स्तर पर भी अधिकारी पूछताछ करते रहे। पहले सालिम से करीब दो घंटे तक एलआइयू ने पूछताछ की और बाद में आइबी व एटीएस ने भी सवाल जवाब किए।


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