कानपुर से कई ऐसे कोहिनूर भारत को मिले जो विदेशी धरती पर बिखेर रहे हैं चमक
मशहूर मोहम्मद कैफ के अलावा स्विंग मास्टर प्रवीण कुमार आरपी सिंह मोहम्मद शमी स्पिनर पीयूष चावला बल्लेबाज सुरेश रैना परविंदर अवाना अंकित राजपूत उपेंद्र यादव रिंकू सिंह व प्रियम गर्ग सरीके खिलाड़ी हैं जिन्होंने राष्ट्रीय व उप्र की टीम की शान बढ़ाई या बढ़ाने में जुटे हुए हैं
कानपुर, जेएनएन। क्रिकेट के लिए देशभर में ख्याति हासिल करने वाले उप्र से भारतीय टीम को कई ऐसे नाम दिए, जिन्होंने प्रतिभा का प्रदर्शन कर राष्ट्रीय फलक पर उप्र का नाम रोशन किया। क्रिकेट की दीवानगी का एक गढ़ कानपुर को भी माना जाता है। यहां से कई ऐसे कोहिनूर भारत को मिले जो विदेशी धरती पर अपनी चमक बिखेर रहे हैं।
क्रिकेट में उप्र से चाइनामैन कुलदीप यादव से लेकर भारतीय जोंटी रोड्स के नाम से मशहूर मोहम्मद कैफ के अलावा स्विंग मास्टर प्रवीण कुमार आरपी सिंह, मोहम्मद शमी, स्पिनर पीयूष चावला, बल्लेबाज सुरेश रैना परविंदर अवाना, अंकित राजपूत, उपेंद्र यादव, रिंकू सिंह व प्रियम गर्ग सरीके खिलाड़ी हैं, जिन्होंने राष्ट्रीय व उप्र की टीम की शान बढ़ाई या बढ़ाने में जुटे हुए हैं। इसमें से ज्यादातर खिलाड़ी भारतीय क्रिकेट टीम की दहलीज पर दस्तक देकर पहचान हासिल कर चुके हैं।
बेहतर प्रदर्शन के बदौलत अपनी धाक जमा रहे
क्रिकेट के क्षेत्र में कानपुर के सफर की बात करें तो 1980 के दौर में ऑफ ब्रेक स्पिनर गोपाल शर्मा ने भारतीय टीम में जगह बनाई। वे कई दौरे पर भारतीय टीम में दिग्गज खिलाडिय़ों के साथ खेलें। 1983 में धाकड़ बल्लेबाज शशिकांत खांडेकर ने रणजी मैचों में चमक बिखेरी। इसके बाद ज्ञानेंद्र पांडेय, राहुल सप्रु भी कानपुर के प्रमुख चेहरों में शुमार रहे। पुरुषों के साथ महिला क्रिकेटरों ने भी कंधे से कंधा मिलाकर शहर का नाम रोशन किया। रीता डे, नीतू डेविड, अर्चना मिश्रा के बाद नई पौध पसीना बहा रहीं है। इंडिया ग्रीन खेल चुकीं बल्लेबाज एकता सिंह, उप्र सीनियर टीम की सदस्य गेंदबाज सौम्या सिंह, कशिश सिंह, आरती, छाया व विदिशा कानपुर की विरासत को सहेजने में लगी हैं। क्रिकेट के क्षेत्र में कानपुर से निकले यह नाम उप्र या राष्ट्रीय टीम में बेहतर प्रदर्शन के बदौलत अपनी धाक जमा रहे हैं।