कानपुर आइआइटी मजबूत करेगा देश का सुरक्षातंत्र
पुलवामा में आतंकी हमले के बाद देश के सुरक्षातंत्र को मजबूत करने के लिए आइआइटी ने भी कमर कस ली है।
जागरण संवाददाता, कानपुर: पुलवामा में आतंकी हमले के बाद देश के सुरक्षातंत्र को मजबूत करने के लिए आइआइटी ने भी कमर कस ली है। अब यहां हथियारों की तकनीकी से लेकर साइबर सुरक्षा पर शोध कार्य को तेज किया जाएगा। यहां बने 'सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन डिफेंस टेक्नोलाजी' में प्रदेश में बनने वाले छह डिफेंस कोरीडोर में स्थापित होने वाली कंपनियों की तकनीकी पेचीदगियों दूर किया जाएगा।
आइआइटी में साइबर सिक्योरिटी सेल बनकर तैयार हो गया है। यहां पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के लिए हाइटेक तकनीकी विकसित की जाएगी। नवंबर में सीआरपीएफ आइजी अनुपमा कुलश्रेष्ठ ने आइआइटी निदेशक अभय करंदीकर व कंप्यूटर साइंस विभागाध्यक्ष प्रो. संदीप शुक्ला से मुलाकात भी की थी। आइआइटी के कंप्यूटर साइंस विभाग की आधुनिक प्रयोगशाला व वहां पर साइबर अटैक रोकने के लिए शोध कार्यो से वह प्रभावित हुई थीं। उन्होंने कहा था कि हाईटेक लैब के लिए सीआरपीएफ जल्द ही आइआइटी प्रशासन के साथ बैठक करेगा।
विदेशों पर निर्भरता खत्म होने के साथ स्टार्टअप का केंद्र बनेगा
सैन्य हथियारों के छोटे छोटे पुर्जो के लिए भी देश अभी विदेशों पर निर्भर है। डिफेंस कॉरीडोर का केंद्र बनने के बाद आइआइटी इस पर काम करने लगेगा। इसके बाद एयरक्रॉफ्ट, टैंक व रॉकेट लांचर जैसे सैन्य हथियारों के पुर्जे अपने देश में बनने लगेंगे। इससे स्टार्टअप के नए द्वार भी खुलेंगे और छोटे मैन्यूफैक्च¨रग केंद्र भी स्थापित होने की संभावना है। हथियारों के कलपुर्जो के अलावा टेलीस्कोप, सैनिकों को ठंड से बचाने के लिए विशेष कपड़े, स्पेशल बूट व छिपे दुश्मनों को खोज निकालने वाले उपकरण की तकनीकी पर भी यहां शोध कार्य होगा।
यूपी-100 के सर्विलांस को सशक्त बनाएगा :
आइआइटी का साइबर सिक्योरिटी सेल यूपी-100 के सर्विलांस को सशक्त बनाएगा। इसके लिए दोनों के बीच करीब तीन बार वार्ता हो चुकी है। आइआइटी ने उसके इसके लिए अनुसंधान शुरू कर दिया है। उनके आइडिया व जरूरत के अनुसार नई तकनीक भी विकसित करेगा। आइआइटी के साथ मिलकर यूपी-100 एक साइबर लैब स्थापित कने की तैयारी कर रही है।