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करोड़ों रुपये का Advance भुगतान करने बाद दवाओं की राह देख रहा कानपुर का हैलट अस्पताल

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने शासन को लिखा पत्र बताई समस्या। दवाइयां मिलने पर लग सकता समय वैकल्पिक इंतजाम के लिए दिए 25 लाख। नई व्यवस्था लागू होने के बाद से हैलट अस्पताल की व्यवस्था गड़बड़ा गई है। अन्य कॉलेजों के मुकाबले यहां सर्वाधिक मरीज इलाज आते हैं।

By ShaswatgEdited By: Published: Fri, 04 Dec 2020 08:09 PM (IST)Updated: Fri, 04 Dec 2020 08:09 PM (IST)
करोड़ों रुपये का Advance भुगतान करने बाद दवाओं की राह देख रहा कानपुर का हैलट अस्पताल
इमरजेंसी, सेमी इमरजेंसी, ओपीडी, कोविड एवं इनडोर सेवाएं चलने से दवाइयों की खपत अधिक है।

कानपुर, जेएनएन। हैलट अस्पताल प्रशासन ने दवाइयों आपूर्ति के लिए उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन (यूपीएमएससी) को 1.30 करोड़ रुपये का भुगतान 10 दिन पहले कर दिया है। दवाइयों की आपूर्ति आज तक नहीं हुई है। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने शासन को पत्र लिखकर समस्या बताई है। फिलहाल दवाइयों की आपूर्ति में समय लग सकता है। प्राचार्य ने वैकल्पिक इंतजाम के लिए 25 लाख रुपये जारी किए हैं।

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अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ. रजनीश दुबे के आदेश के बाद हैलट अस्पताल में दवाइयों की खरीद व्यवस्था में बदलाव हो गया है। नई व्यवस्था के तहत बजट का 80 फीसद आपूर्ति यूपीएमएससी और 20 फीसद स्थानीय स्तर पर रेट कांट्रेक्ट पर कॉलेज प्रशासन दवाइयों की खरीद करेगा। नई व्यवस्था लागू होने के बाद से हैलट अस्पताल की व्यवस्था गड़बड़ा गई है। अन्य कॉलेजों के मुकाबले यहां सर्वाधिक मरीज इलाज आते हैं। कोविड काल में यहां इमरजेंसी, सेमी इमरजेंसी, ओपीडी, कोविड एवं इनडोर सेवाएं चलने से दवाइयों की खपत अधिक है।

दवाइयों की किल्लत व स्टॉक की कमी 

यूपीएमएससी को हैलट एवं संबद्ध अस्पतालों में 119 प्रकार की दवाइयों की आपूर्ति के लिए 1.30 करोड़ रुपये भुगतान कर दिया है। 15 दिन बाद भी दवाइयों की आपूर्ति नहीं की है। जरूरी दवाओं का स्टॉक खत्म होने पर हैलट के सीएमएस ने प्राचार्य को अवगत कराया है। 

शासन को कराया अवगत

इस समस्या से कॉलेज प्रशासन लगातार शासन को अवगत करा रहा है। अब जरूरी दवाइयां खत्म हो चुकी हैं। एंटीबायोटिक भी खत्म होने को हैं। प्राचार्य ने 25 लाख रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की है। 

इनका ये है कहना

हैलट के सीएमएस से पता चला है कि दवाइयां खत्म हो गईं हैं। कॉरपोरेशन से 119 प्रकार की दवाइयां अभी तक नहीं भेजी गईं हैं, जबकि भुगतान पहले कर चुके हैं। इस समस्या से शासन को अवगत करा दिया है। पता चला है कि अभी समय लगेगा। इसलिए वैकल्पिक व्यवस्था के लिए बैठक बुलाकर 25 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की है। हालांकि अस्पताल में खपत के हिसाब से यह धनराशि पर्याप्त नहीं है। - प्रो. आरबी कमल, प्राचार्य, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज


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