बूस्टर डोज लगवाते रखे इन बातों का ख्याल, डाक्टरों के अनुसार कोरोना की जंग में है सहायक
हेल्थ केयर वर्कर और फ्रंटलाइन वर्कर से बूस्टर डोज लगाने की शुरुआत हो गई है। इसमें ध्यान यह रखना है कि जिन्हें वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाएं 39 सप्ताह या नौ माह हो चुका है। उन्हें ही बूस्टर डोज लगवाई जा रही है।
कानपुर, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से पांव पसार रहा है। इसलिए हेल्थ केयर वर्कर (डाक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ व स्वास्थ्य कर्मी) और फ्रंटलाइन वर्कर (पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी व कर्मचारी) को प्रीकाशन डोज (बूस्टर डोज) लगाई जा रही है। शासन ने प्रत्येक जिले में 10 जनवरी से शुरुआत कराई है। उसमें स्पष्ट किया गया है कि जिन्हें पहले जो वैक्सीन लगी है, उसकी ही बूस्टर डोज लगाई जाएगी। अपने यहां हेल्थ केयर वर्कर को 10 जनवरी से बूस्टर डोज लगाने के अभियान की शुरुआत की जाएगी।
हेल्थ केयर वर्कर व फ्रंटलाइन वर्कर से शुरुआत
हेल्थ केयर वर्कर और फ्रंटलाइन वर्कर से बूस्टर डोज लगाने की शुरुआत हो गई है। इसमें ध्यान यह रखना है कि जिन्हें वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाएं 39 सप्ताह या नौ माह हो चुका है। उन्हें ही बूस्टर डोज लगवाई जा रही है।
गंभीर बीमारियों से पीडि़त बुजुर्ग भी पात्र
60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग व गंभीर बीमारियों से पीडि़त बुजुर्ग बूस्टर डोज के लिए पात्र हैं। बुजुर्गों में गंभीर बीमारियों में हाइपरटेंशन, मधुमेह, हृदय रोग, लिवर, किडनी और कैंसर से पीडि़त को बूस्टर डोज लगाई जा रही है।
चुनाव ड्यूटी वाले भी फ्रंटलाइन वर्कर
राज्य में विधानसभा चुनाव की तैयारी चल रही है। चुनाव ड्यूटी में लगने वाले कार्मिकों को भी फ्रंटलाइन वर्कर माना गया है। इसके लिए सभी विभागों से कर्मचारी भी बूस्टर डोज जरूर लगवा लें।
बोले जिम्मेदार : हेल्थ वर्कर, फ्रंटलाइन वर्कर व बुजुर्ग, जिन्हें दूसरी डोज लगवाए नौ माह या 39 सप्ताह हो चुका है। वह बिना समय गवाए बूस्टर डोज लगवाएं। वैक्सीनेशन के बाद कोरोना का संक्रमण हो सकता है, लेकिन किसी प्रकार की जटिलता नहीं होगी। - डा. जीके मिश्रा, अपर निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, कानपुर मंडल।