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जुलूस-ए-मोहम्मदी : सीएए बवाल में भी चर्चा में आया था हाशमी, विवादों से रहा है पुराना नाता

जुलूस-ए-मोहम्मदी निकालने में गिरफ्तार मौलाना मोहम्मद अली जौहर फैंस एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात जफर हाशमी का विवादों से पुराना नाता रहा है उसका नाम सीएए बवाल के समय चर्चा में आया था। उसपर मां व बहन को आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा भी दर्ज है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Thu, 21 Oct 2021 02:57 PM (IST)Updated: Thu, 21 Oct 2021 02:57 PM (IST)
जुलूस-ए-मोहम्मदी : सीएए बवाल में भी चर्चा में आया था हाशमी, विवादों से रहा है पुराना नाता
चमनगंज पुलिस ने दर्ज किया है मुकदमा।

कानपुर, जेएनएन। प्रतिबंध के बावजूद जुलूस-ए-मोहम्मदी निकालने के आरोप में गिरफ्तार किए गए मौलाना मोहम्मद अली जौहर फैंस एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात जफर हाशमी का विवादों से पुराना नाता रहा है। हाशमी पर सीएए (नागरिकता संशोधन कानून) के दौरान भी दंगा भड़काने का आरोप था, लेकिन बाद में पुलिस जांच में उसका नाम बाहर निकाल दिया गया था। हयात पर अपनी ही मां और बहन को आत्मदाह के लिए उकसाने का भी मुकदमा दर्ज है।

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इससे पहले भी हाशमी लंबे समय से विवादों में रहा है, लेकिन हर बार उसे पुलिस ने ही बचने का रास्ता दिया। दो साल पहले नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के दौरान भी वह चर्चा में आया था। उसने फेसबुक लाइव के जरिये सीएए के विरोध में फूलबाग स्थित गांधी प्रतिमा पहुंचने का ऐलान किया था। आरोप यह भी थे कि उसने कई क्षेत्रों में इस कानून के विरोध में पर्चे भी चिपकाए थे। कर्नलगंज थाने में हाशमी के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ था, लेकिन बाद में उसका नाम निकाल दिया गया। पुलिस ने उसके ऊपर लगे सभी आरोप नकार दिए थे।

चमनगंज के थाना प्रभारी बलराम मिश्रा ने बताया कि हाशमी के खिलाफ चमनगंज में तीन और चकेरी में एक मुकदमा दर्ज है। एक मुकदमा उस पर अपनी ही मां व बहन को आत्मदाह के लिए उकसाने का है, जिसमें दोनों की जान तक चली गई थी। इस मामले में पुलिस ने हाशमी के खिलाफ अदालत में आरोपपत्र भी दाखिल कर दिया है।

आरोपित बनाने पर उठाए सवाल : पुलिस द्वारा चमनगंज थाने में दर्ज कराए गए मुकदमे में आरोपित बनाए जाने पर हलीम कालेज संचालन करने वाले समिति मुस्लिम एसोसिएशन के महामंत्री अब्दुल हसीब ने सवाल उठाए हैैं। पुलिस आयुक्त को भेजे एक स्पष्टीकरण में अब्दुल हसीब ने कहा कि वह स्वास्थ्य कारणों से साल भर से नैनीताल में रह रहे हैं। जुलूस-ए-मोहम्मदी में कालेज ग्राउंड का प्रयोग होने की बात गलत है। हयात जफर हासमी से भी उनके संबंध नहीं हैं। वह लंबे समय से कानपुर में नहीं हैं, फिर उन्हें आरोपित क्यों बनाया गया। उन्होंने कहा कि कालेज के मैनेजर का भी जुलूस से कोई लेनादेना नहीं है।

हजारों की भीड़, 24 घंटे बाद पुलिस खाली हाथ

मूलगंज से शुरू हुए जुलूस-ए-मोहम्मदी में हजारों की संख्या में लोगों ने भाग लिया। पुलिस ने इस मामले में तीन नामजद के अलावा सैंकड़ों अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। मुकदमा दर्ज होने के 24 घंटे बाद भी चमनगंज पुलिस खाली हाथ है। एक भी अज्ञात आरोपित की शनाख्त पुलिस नहीं कर सकी है। वहीं अब्दुल हसीब और मो. शाम की नामजदगी भी अब सवालों के घेरे में है।


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