Kanpur Ghatampur Accident : सीएम योगी आदित्यनाथ ने कोरथा गांव में मृतकों के स्वजनों के पोछे आंसू, सांत्वना दी
Kanpur Ghatampur Accident कानपुर में सड़क हादसे में कोरथा गांव के 25 लोगों की मौत पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने पहले से तय सारे कार्यक्रमों को रद्द कर अचानक गांव पहुंचे। जहां उन्होंने मृतकों के स्वजनों से मिलकर उन्हें हरसंभव मदद का भरोसा दिया है।
कानपुर, जागरण संवाददाता। Kanpur Ghatampur Accident मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संवेदनशील चेहरा रविवार को कोरथा गांव में दिखा। पहले से तय तमाम कार्यक्रमों को रद कर साढ़ क्षेत्र में घाटमपुर मार्ग पर ट्रैक्टर-ट्राली हादसे में जान गंवाने वाले 26 लोगों के स्वजन से मिलकर अपनत्व दिखाते हुए उनका दर्द बांटा। अभिभावक के तौर पर उनके आंसू पोछे। बच्चियों से पूछा कि स्कूल जाती हो या नहीं।
शनिवार रात ही जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पता चला कि प्रदेश में बड़ा सड़क हादसा हुआ है तो उन्होंने इसकी कमान सीधे अपने हाथों में ले ली थी। पल-पल की मानीटरिंग की। राज्य सरकार के दो मंत्रियों को मौके पर भेजा था।
कोरथा गांव में रातभर कोई सो नहीं पाया। रविवार सुबह अचानक गांव के लोगों को पता चला कि मुख्यमंत्री योगी स्वयं उनके गांव पहुंच रहे हैं तो उनसे मिलने और उन्हें देखने वालों की कोरथा गांव में भीड़ लग गई। दोपहर लगभग एक बजे मुख्यमंत्री योगी ने अपने कुछ अधिकारियों के साथ एलएलआर अस्पताल में भर्ती घायलों से 20 मिनट तक हालचाल लिए। एक बेटे, पिता और अभिभावक का फर्ज निभाते हुए उन्हें सांत्वना दी।
कोरथा गांव पहुंचे तो रोने-चीखने की आवाजें सुनकर वह अपनी गाड़ी से उतरकर पैदल ही चल पड़े। संकरी गलियों में होते हुए 10 पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। मुख्यमंत्री जब पीड़ितों से बात कर रहे थे तो उनके चेहरे की नमी बता रही थी कि ये सिर्फ गांव के लोग नहीं बल्कि अपने हैं, जिन्होंने उन्हें राजधर्म निभाने के लिए चुना था। सब जानते हैं कि प्रदेश के मुख्यमंत्री होने से पहले वो एक संन्यासी हैं, गोरक्षपीठाधीश्वर हैं। रविवार को वो भाव दिखा भी। मुख्यमंत्री हर परिवार से लगभग 10 मिनट तक बात कर बारीकी से जानकारी लेते रहे।
बच्चों के प्रति नरम स्वभाव यहां भी दिखा
मुख्यमंत्री योगी का अफसरों के प्रति रवैया जितना सख्त है, उतना ही बच्चों के लिए नरम है। रविवार को उनके और बच्चों के बीच रिश्ते की कहानी साफ दिखी भी। कोरथा गांव में महिलाओं से बात करते समय उन्होंने महिलाओं से पूछा कि क्या आप अपनी बच्ची को स्कूल पढ़ने भेजती हैं। एक महिला के मना करने पर
कहा कि बच्ची को रोज स्कूल जरूर भेजें।
उन्होंने अधिकारियों को सभी बच्चियों को कन्या सुमंगला योजना से लाभान्वित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री योगी के गांव से जाने के बाद ग्रामीणों का कहना था कि उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा कि प्रदेश का मुखिया उनसे अभिभावक की तरह मिलेगा और हालचाल लेगा। उनके सरल स्वभाव की चर्चा होती रही।