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कानपुर डबल मर्डर : मां-पिता की हत्या के बाद भी आंखों में नहीं था डर, अंतिम समय तक प्रेमी को बचाने में जुटी रही आकांक्षा

कानपुर में पालने वाली मां व पिता की हत्या करने वाली बेटी पुलिस की पूछताछ में सख्ती के बाद भी प्रमी को बचाने का प्रयास करती रही। गर्दन काटकर हत्या करने के बाद भी आंखों में डर नहीं था।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Wed, 06 Jul 2022 11:47 AM (IST)Updated: Wed, 06 Jul 2022 11:47 AM (IST)
कानपुर डबल मर्डर : मां-पिता की हत्या के बाद भी आंखों में नहीं था डर, अंतिम समय तक प्रेमी को बचाने में जुटी रही आकांक्षा
कानपुर के बर्रा में दोहरा हत्याकांड का खुलासा।

कानपुर, जागरण संवाददाता। बर्रा दो में बुजुर्ग पति-पत्नी की गला रेतकर हत्या को अंजाम देने वाली गोद ली हुई बेटी से जब पुलिस ने पूछताछ शुरू की तो उसकी आंखों में अपने किए कोई डर नहीं था। इतना ही नहीं पूछताछ में वह अंतिम समय तक अपने प्रेमी को बचाने का प्रयास करती रही। युवती द्वारा हत्या का कबूलनामा सामने आने के बाद पुलिस अब उसके प्रेमी की तलाश कर रही है।

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क्या हुई थी घटना : मूलरूप से महाराजपुर के प्रेमपुर निवासी 65 वर्षीय मुन्नालाल उत्तम फील्डगन फैक्ट्री से सेवानिवृत्त हुए थे। वह पत्नी राजदेवी, बेटे विपिन और गोद ली हुई बेटी आकांक्षा के साथ बर्रा दो स्थित मकान में रह रहे थे। मुन्नालाल ने भाई रामप्रकाश की बेटी आकांक्षा को गोद लेकर पाला था। सोमवार की रात मुन्नालाल और उनकी पत्नी राजदेवी की गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। उस वक्त घर में बेटी और बेटा ही थे। पुलिस ने दोनों से सख्ती से पूछताछ की। 

महिला दारोगा के सवाल पर घूर कर देखा : हत्या की सूचना पर पुलिस जब घटनास्थल पर पहुंची तो मां के शव के पास आकांक्षा रोते हुए दिखी। महिला पुलिस ने उसे उठाया तो उसके दाएं हाथ की सबसे छोटी उंगली में चोट थी। पुलिस उसे पहले पड़ोसी के घर लेकर गई, जहां उसकी पट्टी की। उसका मेडिकल परीक्षण के बाद पुलिस घर छोड़ने की जगह उसे थाने ले गई, जहां उससे कई घंटों तक पूछताछ की।

इस दौरान कई बार उसने अपने बयान बदले। गेट खोलने के सवाल पर बोली कि पापा रात को देर से आए तो उसने गेट खोला और मां के साथ चली गई। उसके बाद पापा ने गेट बंद किया था या नहीं मालूम नहीं। उसके बाद जब महिला दारोगा ने उससे कुछ और सवाल पूछे तो वह काफी देर चुप रही और फिर उसे घूरने लगी। इस पर महिला दारोगा ने सख्ती दिखाते हुए सवाल पूछे लेकिन आकांक्षा की आंखों में मानो किसी का भी डर नहीं था। वह एकटक घूरती रही फिर बोली कि जो हम कह रहे वो सही है।

प्रेमी को बचाने में लगी रही आकांक्षा : पुलिस अधिकारियों की मानें तो आकांक्षा ने जब कहानी सुनाई तो रोहित का नाम सामने आ गया। मगर, जब उसे प्रेमी के फंसने का आभास हुआ तो वह बयान बदलने लगी। उसने तीन-चार नए नाम भी लिए। हालांकि पुलिस को अब प्रेमी की गिरफ्तारी का इंतजार है।

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