पहली बार सीएसए कृषि विवि कराएगा नैक मूल्यांकन, यूजीसी से मिलने लगेगी यह सुविधा
सीएसए विवि की ओर से प्रस्ताव भेजा गया है। मई के पहले सप्ताह में टीम मूल्यांकन के लिए आएगी। नैक मूल्यांकन होने से यूजीसी से रिसर्च प्रोजेक्ट में अनुदान मिलना शुरू हो जाएगा। इसके आधार पर ही ग्रेड का निर्धारण होता है।
कानपुर, जागरण संवाददाता। चंद्रशेखर आजाद (सीएसए) कृषि एवं प्रौद्यौगिकी विश्वविद्यालय पहली बार नैक (राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद) से मूल्यांकन कराएगा। पिछले माह विश्वविद्यालय की ओर से नैक में आवेदन किया गया था। अब मई के पहले सप्ताह में टीम आने की उम्मीद है। नैक मूल्यांकन से विश्वविद्यालय को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के तहत भी रिसर्च प्रोजेक्ट के लिए अनुदान मिल सकेगा।
नैक महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों, अन्य मान्यता प्राप्त उच्च शिक्षण संस्थानों के मूल्यांकन और प्रत्यायन की व्यवस्था करता है। शैक्षिक मूल्यांकन के आधार पर संस्थानों को विशेष ग्रेड आवंटित किया जाता है। इसके आधार पर संस्थान की गुणवत्ता का आकलन किया जाता है। पहली बार प्रदेश में किसी कृषि विश्वविद्यालय ने नैक मूल्यांकन कराने की तैयारी की है। सीएसए विवि के कुलसचिव डा. सीएल मौर्य ने बताया कि संस्थान में शैक्षणिक प्रक्रियाओं, पाठ्यक्रम की व्यापकता, शिक्षण व ज्ञानार्जन की प्रक्रिया, संकाय सदस्यों, अनुसंधान, आधारभूत सुविधाओं, अध्ययन के संसाधनों, संगठनात्मक ढांचे आदि का जायजा लेने के लिए नैक की टीम मई के पहले सप्ताह में आएगी। विवि के अधीन सभी महाविद्यालयों व विभागों के प्रमुखों को पत्र भेजकर तैयारी करने के लिए कहा गया है।
आइसीएआर की ओर से भी किया जा रहा मूल्यांकन
प्रति पांच वर्ष में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आइसीएआर) की ओर से भी कृषि विश्वविद्यालयों, कृषि महाविद्यालयों का मूल्यांकन व प्रत्यायन किया जाता है। कुछ माह पूर्व आइसीएआर की टीम ने भी सीएसए विवि आकर शैक्षिक सुविधाओं का जायजा लिया था। हालांकि, अभी रिपोर्ट जारी नहीं की है।