EPFO Scam Kanpur: क्राइम ब्रांच की जांच में सामने आया चौंकाने वाला सच, एक ही बैंक में खुलते रहे फर्जी खाते
कानपुर में केस्कों के कर्मियों का पीएफ का धन फर्जी तरीके से निकाले जाने के लिए एक ही बैंक में बदल बदल कर 24 फर्जी खाते खुलवाए गए। इसके लिए बैंक केस्को व सेवा प्रदाता कंपनी संग ईपीएफओ ने आपत्ति नहीं की क्राइम ब्रांच मिलीभगत की जांच कर रही है।
कानपुर, जेएनएन। केस्को के संविदा कर्मियों के साथ हुए भविष्यनिधि (पीएफ) घोटाले में नया तथ्य सामने आया है। अब तक हुई जांच में 24 बैंक खाते ऐसे मिले हैं, जिनमें बदलाव कर उसी बैंक शाखा में फर्जी खाता खोला गया। पूरे गोलमाल पर न तो बैंक अफसरों ने कोई आपत्ति की और न केस्को, सेवा प्रदाता कंपनी या ईपीएफओ ने ही सवाल उठाए। यही वजह रही कि ठग बिना किसी रुकावट करोड़ों का पीएफ हड़पने में कामयाब रहे।
केस्के में संविदा कर्मियों का पीएफ हड़पा
जागरण टीम ने पिछले दिनों केस्को में हुए पीएफ घोटाले का राजफाश किया था। क्राइम ब्रांच ने मुकदमा दर्ज करके मुख्य आरोपित मुकुल दुबे को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। मामले की जांच कर्मचारी भविष्यनिधि संगठन (ईपीएफओ) लखनऊ कार्यालय भी कर रहा है। क्राइम ब्रांच की जांच में घोटाले की नई-नई परतें खुल रही हैं। नए तथ्य में कर्मचारियों का पीएफ जमा करने की प्रक्रिया ही सवालों के घेरे में है। सेवा प्रदाता कंपनी आरएमएस ने अपने सेवाकाल में केस्को में काम करने वाले कर्मचारियों के खाते गुमटी स्थित पंजाब एंड सिंध बैंक शाखा में खोले थे। जिन कर्मचारियों के फर्जी खाते खोलकर पीएफ हजम किया गया, उनमें दो दर्जन ऐसे हैं, जिनका फर्जी खाता पंजाब एंड सिंध बैंक की गुमटी नंबर पांच शाखा में ही खोला गया।
कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान
पहला सवाल बैंक की कार्यप्रणाली को लेकर है कि उसी बैंक में संबंधित ग्राहक का फर्जी खाता कैसे खुल गया। ईपीएफओ और सेवा प्रदाता कंपनी खातों के बदलाव पर कोई सवाल क्यों नहीं पूछा। भले ही कर्मचारी सेवा प्रदाता कंपनी के थे, लेकिन नियमानुसार मुख्य नियोक्ता केस्को को ही माना जाता है। ऐसे में केस्को ने कभी कर्मचारियों के ईपीएफओ से संबंधित दस्तावेज जांचने की जरूरत क्यों नहीं समझी। संविदा कर्मचारी संगठन केस्को के महामंत्री दिनेश सिंह भोले ने बताया कि उनके पास ऐसे संविदा कर्मी आएं हैं, जिनके बैंक खातों में बदलाव किया गया। लखनऊ में अफसरों को इसकी जानकारी दी है।
कर्मचारियों के परिचय पत्र में दूसरों के मोबाइल नंबर
पीएफ घोटाले में मंगलवार को एक और नया गोलमाल सामने आया है। केस्को संविदा कर्मी नजीर अहमद ने बताया कि पीएफ घोटाला सामने आने से 15 दिन पहले मुकुल दुबे ने आरएमएस टेक्नोशाल्यूसंस के परिचय पत्र बनाने के लिए सभी कर्मचारियों से उनका नाम, पिता का नाम, मोबाइल नंबर, जन्मतिथि, पता, आधार कार्ड संख्या आदि की जानकारी मांगी थी।
पांच दिन पहले उन्हेंं जो परिचय पत्र मिला है, उसमें मोबाइल नंबर छोड़कर बाकी जानकारियां उनकी हैं। मोबाइल नंबर मुकुल दुबे ने अपना डाला हुआ है। उन्हेंं पता चला है कि उनके पीएफ खाते में भी मुकुल दुबे का ही मोबाइल नंबर पड़ा है। उन्हेंं डर है कि उनके भी पीएफ खाते से पैसा निकाला गया। इसी तरह शहजादे, मो. शरीफ आदि तमाम ऐसे कर्मचारी हैं, जिनके परिचय पत्र पर उनका मोबाइल नंबर नहीं पड़ा है। यह संख्या अभी और बढ़ सकती है।