चाैबेपुर हत्याकांड : एसपी पर कार्रवाई के बाद जागी पुलिस, जानिए क्या है ताजा अपडेट
चौबेपुर के पनऊपुरवा गांव में परिवार के मुखिया की निर्मम हत्या के मामले में शासन की कार्रवाई के बाद पुलिस जाग गई है। आरोपितों की गिरफ्तारी को लेकर अब सीओ के नेतृत्व में चार टीमें बनाई गई हैं जो आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही हैं।
कानपुर, जागरण संवाददाता। चौबेपुर के पनऊपुरवा गांव में परिवार के मुखिया की निर्मम हत्या के मामले में आरोपितों को बचाने के लिए पुलिस ने वो सब कुछ किया जो कानून और व्यवस्था के खिलाफ था। दिशाहीन पुलिस आरोपितों को गिरफ्तार करने के बजाय उन्हे सुरक्षित निकलने का मौका देती रही। जब मामले की गूंज शासन स्तर तक पहुंची और एसपी को हटा दिया गया पुलिस को आरोपितों की गिरफ्तारी की याद आई। गुरुवार को सीओ के नेतृत्व में चार टीमें गठित कर दबिश शुरू की गई।
पनऊपुरवा हत्याकांड में अपने ही दागदार कार्यशैली को लेकर पुलिस सवालों के घेरे में खड़ी हैं। घटना से लेकर गिरफ्तारी की तैयारी तक पुलिस दिशाहीन बनी रही। सोमवार की रात आनंद कुरील की हत्या के बाद बीट के दारोगा गोपी किशन व रोशन शेर बहादुर ने आला अधिकारियों को घटना के बाबत कोई जानकारी तक नही दी। हमले में गंभीर घायल हुए मरणासन्न आनंद को एंबुलेंस से रात में एलएलआर हैलट भेजने के बाद दोनों दारोगा गांव से ही वापस थाने लौट गए। अस्पताल में उपचार से पहले ही आनंद की मौत होने की जानकारी पुलिस को रात को ही मिल गई थी इसके बाद भी पुलिस आरोपितों को गिरफ्तार करने के बजाय उन्हें बच निकलने का रास्ता देती रही। सुबह होते ही गांव वालों का गुस्सा फूट पड़ा। नाराज विधायक के गांव पहुंचने पर जब मामले ने तूल पकड़ा तो पुलिस अधिकारियों ने बीट दारोगा गोपी किशन व रोशन शेर बहादुर को गांव से हटा दिया। मंगलवार की रात 12 बजे दोनों दारोगा व सिपाहियों व आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। बचाव मुद्रा में दिख रही पुलिस ने बुधवार की रात तक आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए कोई दबिश नही दी थी। गुरुवार को हत्याकांड में एसपी आउटर के हटाएं जाने पर पुलिस अधिकारियों ने सीओ के नेतृत्व में चार टीमें बना कर दबिशें शुरू कराई। शिवराजपुर व चौबेपुर थाना प्रभारी को आरोपितों को गिरफ्तार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई हैं।
आरोपितों के घर की महिलाओं से पूछताछ: पनऊपुरवा गांव में हुए हत्याकांड में आरोपित श्री कृष्ण त्रिवेदी व आनंद कुरील के मकान ठीक आमने सामने हैं। सोमवार की रात घटना के बाद से आरोपित श्री कृष्ण व उनके पुत्र राजन,गोङ्क्षबद,शोभित,प्रदीप व भतीजा सुधीर फरार हैं। घर पर महिलाएं ही हैं। गुरुवार को महिला पुलिस कर्मियों के साथ पहुंची पुलिस टीम ने महिलाओं से पूछताछ की। अब तक पुलिस ने आरोपित घर की महिलाओं से कोई पूछताछ नहीं की थी। पुलिस आरोपितों की रिश्तेदारी व ठिकाने पता कर रही हैं। जिससे उनकी गिरफ्तारी हो सके।
निलंबित होने चाहिए थे दारोगा व सिपाही: हत्याकांड में नामजद होने के बाद दोनो दारोगा व सिपाही फरार हैं। मृतक के पुत्र रविशंकर ने बताया कि दारोगा गोपी किशन व ग्राम प्रधान मनीष दीक्षित उनके परिवार का उत्पीडऩ कर रहे थे। श्री किशन त्रिवेदी के घर पर उन लोगों का अक्सर आना जाना था। हत्या भी ग्राम प्रधान व दारोगा ही शह पर हत्याकांड हुआ हैं। उनके परिवार पर कहर ढाने व ससुर की हत्या कराने वाले आरोपित पुलिस कर्मियों को अधिकारियों ने निलंबित करने के बजाय लाइन हाजिर ही किया गया।
गांव में पसरा रहा सन्नाटा: पनऊपुरवा में बवाल के बाद गांव में अभी तक सन्नाटा पसरा हुआ है। लोग घरों के अंदर ही खुद को कैद किए हुए हैं। पुलिस की एक टुकड़ी गांव में तैनात है।