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कानपुर के होनहारों ने आइईएस परीक्षा में फहराया परचम

इंडियन इंजीनिय¨रग सर्विसेज (आइईएस) में शहर के मेधावियों ने सफलता का परचम फहराया। शहर के दर्जन भर से अधिक छात्र-छात्राओं में एचबीटीयू के पूर्व बीटेक छात्र रोहित कुमार राजपूत ने ऑल इंडिया सातवीं रैंक प्राप्त की है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 11 Nov 2018 01:09 AM (IST)Updated: Sun, 11 Nov 2018 01:10 PM (IST)
कानपुर के होनहारों ने आइईएस परीक्षा में फहराया परचम
कानपुर के होनहारों ने आइईएस परीक्षा में फहराया परचम

जागरण संवाददाता, कानपुर : इंडियन इंजीनिय¨रग सर्विसेज (आइईएस) में शहर के मेधावियों ने सफलता का परचम फहराया। शहर के दर्जन भर से अधिक छात्र-छात्राओं में एचबीटीयू के पूर्व बीटेक छात्र रोहित कुमार राजपूत ने ऑल इंडिया सातवीं रैंक प्राप्त की है। इसके अलावा इसी विश्वविद्यालय की छात्रा मूलरूप से मुरादाबाद निवासी लवी अग्रवाल, बरेली निवासी अंशुल व चंदौली निवासी अंबरीश सिंह भी सफल घोषित किए गए हैं।

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मूलरूप से उत्तराखंड के जिला उधमसिंह नगर के खटीमा कस्बे के रहने वाले रोहित 2016 में एचबीटीयू से बीटेक करने के बाद वर्तमान में आइआइटी रुड़की से एमटेक कर रहे हैं। सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले रोहित के पिता बृजेश कुमार एक प्राइवेट फैक्ट्री में कर्मचारी व मां पूनम गृहणी हैं। रोहित के मुताबिक 77 फीसद अंकों से बीटेक के बाद आइईएस की परीक्षा दी। इसमें 127वीं रैंक मिली। उन्हें बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन से नौकरी का ऑफर मिला लेकिन उन्होंने उसे छोड़ दिया और गेट की तैयारी की। गेट में पिछले वर्ष 740 व इस साल 63 वीं रैंक प्राप्त की। इस रैंक के आधार पर एमटेक करने के लिए आइआइटी रुड़की में दाखिला मिल गया। इस बीच नेशनल प्रोजेक्ट्स कंस्ट्रेक्शन कॉरपोरेशन लिमिटेड, लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन, ¨हदुस्तान पेट्रोलियम लिमिटेड, ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन लिमिटेड से लगातार नौकरी के ऑफर मिलते रहे। मेट्रो रेल कॉरपोरेशन में उन्होंने पहली रैंक प्राप्त की। इसके अलावा एसएससी में भी उन्होंने सातवीं रैंक पाई, लेकिन वे आइईएस में अच्छी रैंक लाने के लिए जुटे रहे। वह भारतीय रेल सेवा में जाने की ख्वाहिश रखते हैं।

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पोती ने आइईएस बनकर पूरी की दादा की ख्वाहिश:

एचबीटीयू की पूर्व छात्रा लवी अग्रवाल ने 74वीं रैंक के साथ आइईएस की परीक्षा पास करके अपने दादा रामेश्वर दास अग्रवाल की ख्वाहिश पूरी की। वह सिंचाई विभाग में इंजीनियर थे। अपने घर की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए लवी ने बीटेक करने के लिए एचबीटीयू में प्रवेश लिया। सिविल इंजीनिय¨रग से 76 फीसद अंकों के साथ बीटेक पास किया और गेट में 38वीं रैंक प्राप्त की। वर्तमान में वह भी आइआइटी रुड़की से एमटेक कर रही हैं। लवी बताती हैं कि उनका चयन ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन लिमिटेड व इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड में भी हो गया। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड में उन्हें सोमवार को ज्वाइन करना है। उनका छोटा भाई शिवम आइआइटी खड़गपुर व बहन आइआइटी मुंबई से बीटेक कर रहे हैं।

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वरिष्ठ अभियंता का पद छोड़कर आइईएस को लक्ष्य बनाया :

आइईएस में 52वीं रैंक प्राप्त करने वाले एचबीटीयू के छात्र रहे चंदौली निवासी अंबरीश सिंह ने एलएंडटी में वरिष्ठ अभियंता के पद से इस्तीफा देकर आइईएस को लक्ष्य बनाया। 82.6 फीसद अंकों के साथ बीटेक की परीक्षा पास करने के बाद से ही उन्होंने इसकी तैयारी शुरू कर दी। अब उनका लक्ष्य आइएएस है। सेना से सेवानिवृत्त पिता चंद्रमोहन सिंह से उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली जबकि मां मंजू देवी ने भी उनका मार्गदर्शन किया। इसके अलावा एचबीटीयू के अंशुल भारती ने भी इस परीक्षा में 141वीं रैंक प्राप्त की है।


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