Kanpur News: ट्रैक पर खड़ा था युवक और ट्रेन दे रही थी हार्न, दस किमी दूर बैठे दैनिक जागरण के संवाददाता ने बचाई उसकी जान
कानपुर दैनिक जागरण के संवाददाता के पास युवक फोन कॉल करके ब्रेकिंग न्यूज देने की बात कही और फिर आधी रात रेल पटरी पर खड़े होने की वीडियो कॉलिंग कराई और ट्रेन का हार्न सुनाई देता रहा ।
कानपुर, जागरण संवाददाता। दैनिक जागरण के संवाददाता ने सामाजिक दायित्वों के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने के क्रम में रविवार की रात एक युवक को नई जिंदगी दी। संवाददाता के मोबाइल फोन पर आई कॉल में कॉलर ने कहा- बहुत जल्द ब्रेकिंग न्यूज दूंगा..। फिर रात में वीडियो कालिंग कराई तो युवक ट्रैक पर खड़ा नजर आया और टे्रन के हार्न की आवाज भी सुनाई दी। दस किमी दूर बैठे संवाददाता ने सूझबूझ के साथ युवक की जान बचाई। इन प्रयासों में कमिश्नरेट पुलिस और आरपीएफ का भी योगदान रहा। पुलिस ने युवक को काउंसलिंग भी कराई और उसे समझाया भी है।
दरअसल, दैनिक जागरण के संवाददाता राहुल शुक्ला के पास रविवार को फोन कॉल आई, जिसमें एक युवक बहकी बहकी बातें कर रहा था उसने कहा कि जल्द ही वह उन्हें ब्रेकिंग न्यूज़ देगा। युवक की बातें समझ में नहीं आई तो राहुल शुक्ला ने बातें अनसुनी कर दीं लेकिन रात करीब 11:00 बजे युवक ने राहुल शुक्ला को फोन किया और बताया कि वह आत्महत्या करने जा रहा है- यही ब्रेकिंग न्यूज़ है। इससे पहले वह कुछ और पूछते उसने फोन कट कर दिया। राहुल शुक्ला ने तत्काल इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी साथी रिपोर्टर गौरव दीक्षित को दी। इसी बीच राहुल के पास उस युवक का दोबारा फोन आया और उसने वीडियो कॉलिंग करने के लिए कहा। राहुल ने इस बात की जानकारी दोबारा सहयोगी रिपोर्टर गौरव दीक्षित को दी। इसपर गौरव दीक्षित ने उस युवक से फोन पर बात की। फिर उसके कहने के अनुसार, वॉट्सऐप वीडियो कॉलिंग पर संपर्क किया।
इस समय रात का करीब 11:30 बजने वाला था। एक तरफ युवक से वीडियो कॉल पर बात शुरू की और उसकी नजरों से बचाकर दूसरे फोन से पुलिस आयुक्त विजय सिंह मीना को फोन पर जानकारी पहुंचाई। इस बीच पता चला कि युवक का नाम रोहित दीक्षित है और परिवार वालों से झगड़ा करके पनकी धाम रेलवे स्टेशन पर आत्महत्या करने पहुंचा है। वीडियो कॉलिंग में दिखाई पड़ रहा था कि रोहित रेल की पटरियों के बीच में खड़ा हुआ है। इधर पुलिस आयुक्त ने पनकी पुलिस को तत्काल मामले से अवगत कराया।
इस बीच संवाददाता ने पनकी धाम रेलवे स्टेशन अधीक्षक और आरपीएफ को भी जानकारी दी। वीडियो कॉलिंग जारी थी और ट्रेन का हॉर्न सुनाई पडऩे लगा। एक बार ऐसा लगा कि पुलिस या आरपीएफ के पहुंचने से पहले ट्रेन आ जाएगी। इस बीच संवाददाता उसे भरसक समझाने का प्रयास करता रहा कि छोटी सी बात पर गुस्सा होकर जान देने से कोई फायदा नहीं है। ट्रेन का हार्न और तेज सुनाई देने से लग रहा था कि ट्रेन पास आ रही है। इसी बीच पुलिस और आरपीएफ के मददगार खोजते हुए रोहित तक पहुंच गए और उसे आत्महत्या करने से रोक लिया। पूछताछ में रोहित ने बताया कि वह रास्ते में गिर गया था, जबकि घरवालों का आरोप था कि उसने शराब पी है और नशे में नीचे गिरा। परिवार में सभी लोगों ने उससे अभद्रता की, जिससे आहत होकर आत्महत्या का फैसला कर लिया।