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Kanpur Accident : मासूमों के शवों को देख स्वजन में हर पल रहा क्रोध, अफसरों को झेलना पड़ा गुस्सा, पुलिस तैनात

Kanpur Big Accident कानपुर के साढ़ क्षेत्र में हुए हादसे में 26 लोगों की मौत हो गई। इस पर मासूमों के शवों को देख स्वजन में हर पल गुस्सा बढ़ता रहा है। उधर अफसरों को भी जनता का गुस्सा झेलना पड़ा है।

By Jagran NewsEdited By: Nitesh MishraPublished: Sun, 02 Oct 2022 12:35 AM (IST)Updated: Sun, 02 Oct 2022 01:10 AM (IST)
Kanpur Accident : मासूमों के शवों को देख स्वजन में हर पल रहा क्रोध, अफसरों को झेलना पड़ा गुस्सा, पुलिस तैनात
Kanpur Big Accident कानपुर के साढ़ क्षेत्र में हुए हादसे से स्वजन में टूटा दुखो का पहाड़।

कानपुर, जागरण संवाददाता। Kanpur Big Accident दिल को दहला देने वाली घटना से पहले ही ग्रामीण गुस्से में थे, भीतरगांव सीएचसी के बेड पर पड़े दस शवों को देखकर यह गुस्सा हद पार कर गया। जिसे पुलिस और प्रशासनिक अफसरों ने कई घंटे झेला भी। दरअसल अफसर सीएचसी प्रभारी के साथ घंटे भर बैठक में व्यस्त हो गए इसे लेकर भी ग्रामीण भूमिका पर रह-रहकर सवाल उठा रहे थे।

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साढ़ और घाटमपुर के बीच हुआ ट्रैक्टर हादसा भीषण था। घटना के पहले 45 मिनट तो ग्रामीण ही हादसे से जूझते रहे। ज्यादातर को जिंदा निकाला गया था लेकिन एंबुलेस न होने से उन्हें इलाज मुहैया नहीं हुआ। जब पुलिस पहुंची तो घायलों को भीतरगांव सीएचसी भेजा गया। जिन्हें ग्रामीणों ने जिंदा बचाया था भीतरगांव सीएचसी पहुंचते पहुंचते वह शव हो गए थे। जिनमें कुछ सांसे बची भी उन्हें सीएचसी प्रभारी के कहने के बाद हैलट भेजा गया।

समय पर इलाज न मिलने से कई जाने चली गईं। ग्रामीणों का गुस्सा यहीं से शुरू हुआ। ग्रामीण इसी को लेकर गुस्से में थे कि घायलों को सीधे हैलट भेज दिया जाता तो शायद कुछ जाने और बचायी जा सकती थीं। ग्रामीणों के इस गुस्से का पारा तब और चढ़ गया जब अफसर सीएचसी प्रभारी के साथ बैठक में व्यस्त हो गए और बंद कमरे में रणनीति बनाने लगे जबकि सीएचसी के दस बेड पर शव पड़े थे जिसमें नौ बच्चों के थे।

इन बच्चों की आयु दस वर्ष से कम थी। इसके बाद पुलिस और प्रशासनिक अफसरों को ग्रामीणों को कड़ा प्रतिरोध झेलना पड़ा। क्षेत्रीय विधायक और सांसद को भी काफी कुछ सुनना पड़ा। ग्रामीणों के इस गुस्से को सभी समझ रहे थे लिहाजा वह समझाने की मुद्रा में ही रहे। ग्रामीणों के इस गुस्से को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल को तैनात करना पड़ा। 


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