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आतंकियों का पनाहगाह बन चुका कानपुर, दस साल में आठ आतंकी हत्थे चढ़े Kanpur News

मुंबई से भागकर जलीस अंसारी दोस्तों के पास छिपने के लिए कानपुर आया था।

By AbhishekEdited By: Published: Sat, 18 Jan 2020 03:18 PM (IST)Updated: Sat, 18 Jan 2020 03:41 PM (IST)
आतंकियों का पनाहगाह बन चुका कानपुर, दस साल में आठ आतंकी हत्थे चढ़े Kanpur News
आतंकियों का पनाहगाह बन चुका कानपुर, दस साल में आठ आतंकी हत्थे चढ़े Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। शहर, आतंकियों की पनाहगाह बन चुका है। सात मार्च 2017 से आइएस के खुरासान मॉड्यूल की गतिविधियां सामने आने के बाद से यही कहा जा सकता है। उसी दिन भोपाल उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में धमाका हुआ था और जाजमऊ के गिरोह का नाम सामने आया था। पिछले दस साल में आठ आतंकवादियों को शहर व आसपास के क्षेत्रों से पकड़ा जा चुका है। मुंबई से फरार जलीस अंसारी भी कानपुर में छिपने के लिए ही दोस्तों के पास आया था लेकिन एसटीएफ के हत्थे चढ़ गया।

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आइएस की सक्रियता रही, पाकिस्तानी एजेंट भी पकड़ा गया

आइएस के खुरासान मॉड्यूल की गतिविधियां सामने आने के बाद जांच में जाजमऊ में गिरोह के सदस्य आइएस के खुरासान मॉड्यूल के एजेंट निकले थे। दो दिन बाद ही एटीएस ने इनमें से सबसे खतरनाक आतंकी सैफुल्लाह को लखनऊ में हुई मुठभेड़ में मार गिराया था। यही नहीं आइएस की सक्रियता से पूर्व यहां पाकिस्तानी एजेंट भी पकड़े जा चुके हैं। गनीमत इस बात की है कि अब तक आतंकी अपने मंसूबों को अंजाम नहीं दे सके और सुरक्षा एजेंसियों ने उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।

शहर में ही थीं आतंकी फंडिग के मास्टर माइंड की जड़ें

वर्ष 2018 में आतंकी संगठनों के लिए फंड जुटाने वाले गिरोह के सरगना रमेश शाह की जड़ें शहर से जुड़ी मिली थीं। इसके बाद सितंबर 2018 में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी असोम निवासी कमरुज्जमां उर्फ कमरुद्दीन उर्फ डॉ. हुरैरा की भी चकेरी के अहिरवां स्थित एक मकान से गिरफ्तार किया गया था। वह घंटाघर स्थित सिद्धि विनायक मंदिर में विस्फोट की साजिश रच रहा था।

ये आतंकी पकड़े गए 

  • सितंबर 2009 को आइएसआइ एजेंट इम्तियाज सचेंडी से गिरफ्तार।
  • सितंबर 2009 को बिठूर से आइएसआइ एजेंट वकास हुआ गिरफ्तार
  • सितंबर 2011 को रांची निवासी आइएसआइ एजेंट फैसल रहमान उर्फ गुड्डू को एटीएस ने रेलबाजार से किया गिरफ्तार।
  • जुलाई 2012 में सेंट्रल स्टेशन से फिरोज नामक संदिग्ध को गिरफ्तार किया गया।
  • अप्रैल 2014 में पटना में विस्फोट के एक संदिग्ध को पनकी स्टेशन के पास एटीएस ने पकड़ा।
  • मार्च 2017 भोपाल उज्जैन पैसेंजर में विस्फोट के मास्टरमाइंड गौस मोहम्मद को लखनऊ से व मो. दानिश व आतिफ को जाजमऊ से पकड़ा।
  • मार्च 2017 लखनऊ में मुठभेड़ में मारा गया सैफुल्लाह भी जाजमऊ का ही था, चौथा साथी सैयद मीर हुसैन कन्नौज से गिरफ्तार।

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