Accidents In Kanpur: दिल दहलाने वाला है कानपुर में सड़क हादसों का सच, 498 लोगों की हुई मौत
कानपुर नगर में बीते 11 माह में 1033 सड़क हादसे हुए हैं इसमें 498 लोगों ने अपनी जान गंवाई और 666 लोग जख्मी हुए हैं। ज्यादातर हादसों में खराब सड़कें ही जिम्मेदार रही हैं वहीं ड्रंक एंड ड्राइव की वजह से भी जानें गई हैं।
कानपुर, जेएनएन। शहर में वाहनों की संख्या बढने के साथ ही सड़क हादसों में इजाफा हुआ है। कहीं वाहन चालक की थोड़ी सी लापरवाही व तेज रफ्तार ने जिंदगी को मौत बनकर लपक लिया तो कई बार यातायात नियमों की अनदेखी भारी पड़ी। वहीं, खराब सड़कें और नशेबाजी भी सड़क हादसों के लिए भी कम जिम्मेदार नहीं हैं। सड़क हादसों में होने वाली मौतों की संख्या किसी प्राकृतिक आपदा और आतंकी घटनाओं में मरने वालों से कहीं अधिक है।
11 माह में हुए सड़क हादसे
वर्ष 2020 में नवंबर माह तक शहर में 1033 सड़क हादसों में 498 लोगों की मौत हुई, जबकि 666 लोग जख्मी हुए हैं। अब ठंड और धुंध बढऩे के साथ तनिक भी लापरवाही और घातक होगी। संभागीय परिवहन कार्यालय के आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2020 में 11 माह के भीतर 36,397 वाहन पंजीकृत हो चुके हैं, जबकि साल खत्म होने में अभी एक माह से अधिक का समय बाकी है। शहर और आसपास ग्रामीण क्षेत्रों में हुए सड़क हादसों में किसी की मांग उजड़ गई तो किसी ने इकलौता बेटा खो दिया। इसके बाद भी लोग सबक नहीं ले रहे हैं।
लॉकडाउन के कारण घटे हादसे, ब्लैक स्पॉट भी कम
वर्ष 2020 में कोविड-19 के चलते पिछले सालों की अपेक्षा कम वाहन पंजीकृत हुए हैं। लॉकडाउन की वजह से हादसों की संख्या भी घटी है। वर्तमान में शहर में करीब 13 ब्लैक स्पॉट चिह्नित किए गए हैं, जहां आए दिन कोई न कोई हादसा होने से लोगों की जान जाती है। पिछले वर्ष इन ब्लैक स्पॉट की संख्या 22 थी। कई स्पॉट पर सड़क मरम्मत आदि करके हादसों की रोकथाम की गई है।
302 हादसों की वजह धुंध और कोहरा
विभागीय आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2019 में धुंध और कोहरे के कारण कुल 302 हादसे हुए। इसमें 143 लोगों की मौत हुई, जबकि 142 लोग गंभीर घायल हुए और 61 को हल्की चोटें आईं। अन्य आंकड़ों के मुताबिक, रिहायशी क्षेत्र में 158 हादसे हुए, जिसमें 87 लोगों की मौत हुई और 110 लोग घायल हुए। औद्योगिक क्षेत्रों में 257 हादसे हुए, जिसमें 96 लोगों की मौत हुई, बाजारों में 77 हादसों में 34 लोगों की मौत हुई। इसी तरह पैदल, दोपहिया, ई-रिक्शा व आटो सवार भी सड़क हादसों के कारण मौत का शिकार हुए।
बड़े वाहनों से हुए हादसे
वर्ष 2019 में ट्रक और लारी से हुई सड़क दुर्घटनाओं में सर्वाधिक 163 दो पहिया वाहन सवारों की मौत हुई। कार टैक्सी और वैन की चपेट में आने से 29 लोग मरे। ट्रक और लारी से कार, टैक्सी व वैन के बीच हुई टक्कर में 172 लोगों की जान गई।
हादसों के आंकड़े
वर्ष | हादसों की संख्या | मौत | घायल |
2018 | 1559 | 698 | 1211 |
2019 | 1507 | 692 | 1043 |
2020 | 1033 | 498 | 666 |
वर्ष 2019 में वाहनों से हादसों में मौतें
आटो रिक्शा -9
कार टैक्सी व वैन -89
ट्रक -लॉरी -515
बस- 44
तीन साल में पंजीकृत वाहन
वर्ष 2018 - 1,02,017
वर्ष 2019 - 95,351
वर्ष 2020 (अब तक) - 36,397
- यातायात सुरक्षा माह में लोगों को सड़क पर नियम कायदे के साथ चलने के लिए जागरूक किया जाता है। बढ़े हुए वाहनों की संख्या और नियमों को लेकर लापरवाही हादसों का प्रमुख कारण है। - डॉ. प्रीतिंदर सिंह, डीआइजी