Kannauj: कोर्ट से सजा सुनाने के दौरान भाग खड़ा हुआ था दुष्कर्म का आरोपित, चार साल बाद मिली दस साल सश्रम कारावास
कन्नौज में दुष्कर्म के बाद कोर्ट से फरार युवक को दस साल सश्रम कारावास और 40 हजार जुर्माना लगाया गया है। इस मामले में तीन दोषियों को 2018 में सजा सुनाई गई थी। लेकिन इस दौरान एक आरोपित भाग गया था। जिला न्यायालय में अपर सत्र न्यायाधीश फैसला सुनाया है।
कन्नौज, जागरण संवाददाता। दुष्कर्म के मामले में फरार चल रहे युवक को अपर सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक कोर्ट-प्रथम) ने दस साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने उसके ऊपर 40 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। जुर्माने की रकम अदा न करने पर उसे तीन माह का अतिरिक्त कारावास भी भुगतना होगा। इस मामले में तीन दाेषियों को चार साल पहले ही सजा सुनाई जा चुकी है। यह आरोपित सजा सुनाने के दौरान कोर्ट से भाग गया था।
शासकीय अधिवक्ता यतेंद्र पाल सिंह व तरुण चंद्रा ने बताया कि सदर कोतवाली में 19 दिसंबर 2012 को एक मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसमें वादी ने बताया था कि उनकी 18 साल की बेटी को एक कालेज से उदयवीर, रामप्रकाश, मिथलेश व शिववीर दोहरे निवासी ग्राम बंसई थाना बेला जनपद औरैया ने अगवा कर लिया। शिववीर ने युवती के साथ दुष्कर्म भी किया। पुलिस ने चारों आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल कर दिया। इस मामले में काेर्ट ने चारों को दोष सिद्ध करते हुए 18 नवंबर 2018 को सजा सुनाई।
उस समय शिववीर दोहरे कोर्ट से भाग गया था और तब से फरार चल रहा था। कोर्ट ने उसके लिए गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया तथा पत्रावली अलग कर मामले की सुनवाई की। चार साल बाद पुलिस ने अभियुक्त शिववीर को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद जेल से उसकी अलग सुनवाई की गई। बुधवार को अपर सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक कोर्ट-प्रथम) मुकेश कुमार सिंह द्वितीय ने शिववीर को दोष सिद्ध करते हुए दुष्कर्म में दस साल सश्रम कारावास तथा 25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अपहरण में पांच वर्ष कठोर कारावास तथा दस हजार रुपये, जान से मारने की धमकी में छह माह का सश्रम कारावास व पांच हजार रुपये जुर्माना लगाया है। उन्होंने बताया कि सभी सजा एक साथ चलेगीं।