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हैलट में फिर जूनियर डॉक्टरों का उत्पात, तीमारदारों को बेरहमी से पीटा, महिलाओं से भी की अभद्रता

तीमारदार एसएनसीयू में भर्ती नवजात को डिस्चार्ज करने का आग्रह कर रहे थे विभागाध्यक्ष ने महिला तीमारदार ने जेआर को थप्पड़ मारने का आरोप लगाया है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Mon, 01 Jun 2020 04:39 PM (IST)Updated: Mon, 01 Jun 2020 04:39 PM (IST)
हैलट में फिर जूनियर डॉक्टरों का उत्पात, तीमारदारों को बेरहमी से पीटा, महिलाओं से भी की अभद्रता
हैलट में फिर जूनियर डॉक्टरों का उत्पात, तीमारदारों को बेरहमी से पीटा, महिलाओं से भी की अभद्रता

कानपुर, जेएनएन। हैलट के बाल रोग चिकित्सालय के सिक एंड न्यू बॉर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) में भर्ती नवजात को डिस्चार्ज करने के आग्रह पर भड़के जूनियर रेजीडेन्ट (जेआर) और कर्मचारियों ने तीमारदारों की बेरहमी से लाठी-डंडे और लात-घूंसों से जमकर पिटाई कर दी। बीच बचाव करने आई महिला तीमारदारों को भी नहीं बख्शा, जिससे सभी लहूलुहान हो गए। मौके पर पहुंची पुलिस ने दो पक्षों को अलग करके विवाद शांत कराया।

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कानपुर देहात के रसूलाबाद के बिरहुन गांव निवासी सचिन प्रताप सिंह की पत्नी श्वेता का प्रसव हैलट के अपर इंडिया शुगर एक्सचेंज जच्चा बच्चा अस्पताल में 26 मई को हुआ था। तीन दिन बाद नवजात को पीलिया की शिकायत होने पर डॉक्टर ने बाल रोग विभाग के एसएनसीयू में भर्ती कराया था। तीमारदारों ने बताया कि डॉक्टरों ने 36 घंटे की फोटो थेरेपी की सलाह दी थी, इसके बाद भी डिस्चार्ज नहीं कर रहे थे। नवजात के डिस्चार्ज ना होने से प्रसूता को भी अस्पताल से छुट्टी नहीं दी जा रही थी।

प्रसूता के भाई ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह का आरोप है कि दोबारा जांच कराने में शनिवार को रिपोर्ट नॉर्मल आई थी, इस पर डाॅक्टरों से नवजात को डिस्चार्ज करने का आग्रह किया। डॉक्टर ने रविवार को डिस्चार्ज करने की बात कही थी। रविवार को उन्होंने छुट्टी का हवाला देते हुए सोमवार को बुलाया। सोमवार सुबह जब मां मीरा देवी छुट्टी की बात करने गईं तो डॉक्टर भड़क गए और अभद्रता करने लगे।

ज्ञानेंद्र ने बताया कि मां से जानकारी के बाद वह और बहनोई सचिन प्रताप सिंह पहुंचे तबतक 10-15 डॉक्टर और कर्मचारी जुट गए। उन्होंने उनकी व बहनोई की लात-घूंसों और डंडे से जमकर पीटा। उसका सिर फट गया, बचाने आई मां को भी बेल्टों से पीटा। सूचना पर स्वरूप नगर थाना पुलिस आ गई और उन्हें बचाया। घटना की शिकायत पुलिस और मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य से की है।

इनकी भी सुनिए

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभागाध्यक्ष प्रो. यशवंत राव ने बताया कि एसएनसीयू में 70 बच्चे भर्ती हैं और बाल लोग चिकित्सालय में 42 नवजात हैं। पीजी एग्जाम की तिथि घोषित हो गई है, ऐसे में वर्क लोड और परीक्षाओं की वजह से जूनियर रेजीडेंट डॉक्टर तनाव में हैं। तीमारदार नवजात को डिस्चार्ज कराने पर अड़े हुए थे, जिसपर जेआर ने डॉक्टर के राउंड के बाद डिस्चार्ज करने की बात कही थी। इस पर महिला तीमारदार ने जेआर को थप्पड़ मार दिया, जिसके बाद जेआर और कर्मचारियों ने मिलकर उनकी पिटाई कर दी। यह गलत है और मामले की जांच स्वयं करूंगा।


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