उम्मीदों के पंख कतर रही कौशल व दक्षता की कमी, अब काउंसलिंग जगाएगी युवाओं की उम्मीद
प्रादेशिक सेवायोजन कार्यालय ने पिछले आठ साल में 178 रोजगार मेले लगाए हैं। जिसमें से कंपनियों के साक्षात्कार में महज 20 प्रतिशत युवाओं को नौकरी मिल सकी है। सबसे बड़ी वजह युवाओं में कौशल व दक्षता की कमी देखी गई है। अब काउंसलिंग सेल ऐसे युवाओं को नौकरी लायक बनाएगी।
कानपुर, (विवेक मिश्र)। प्रतिस्पर्धी युग में संवाद कौशल व कार्य दक्षता काफी मायने रखती है, लेकिन कौशल व दक्षता की कमी से युवा रोजगार पाने के मानकों पर खरे नहीं उतर पा रहे। इसकी वजह से उनकी रोजगार पाने की चाहत पूरी नहीं हो पा रही है। निजी कंपनियां साक्षात्कार के दौरान ही उन्हें चयन प्रक्रिया से बाहर कर रही हैं। प्रादेशिक सेवायोजन कार्यालय की ओर से बीते आठ साल में 178 रोजगार मेले लगाए जा चुके हैं।
मेलों में 1030 नियोजकों ने 1,57,287 महिला व पुरुष अभ्यर्थियों के साक्षात्कार लिए। चयन प्रक्रिया के दौरान नियोजकों को 80 प्रतिशत अभ्यर्थियों में संवाद, कार्य दक्षता सहित अन्य कमियां मिलीं। महज 31,136 युवा यानी 20 प्रतिशत ही नौकरी के योग्य मिले। चयन प्रक्रिया से बाहर होने वाले अभ्यर्थियों के लिए सेवायोजन कार्यालय की ओर से अब काउंसलिंग सेल बनाई गई है, जो ऐसे युवाओं की काउंसलिंग कर उन्हें रोजगार पाने लायक बनाएगी।
बोले जिम्मेदार: सेवायोजन कार्यालय में पंजीकृत युवाओं की दक्षता जांचने का काम निजी कंपनियों के प्रतिनिधि करते हैं। साक्षात्कार के दौरान संवाद व कार्य कौशल की कमी मिलने पर अभ्यर्थियों को नौकरी नहीं मिल पाती। निजी कंपनियों में काम करने के लिए युवाओं में कौशल दक्षता होनी बहुत जरूरी है। एसपी द्विवेदी, उप निदेशक सेवायोजन कार्यालय।
आठ साल के ग्राफ पर एक नजर
वर्ष रोजगार मेले लगे नियोजक आए अभ्यर्थियों की संख्या चयनित युवा
2014 34 135 22,609 4876
2015 41 133 24 ,356 4109
2016 20 72 25,378 5329
2017 12 96 18,350 3451
2018 21 149 22768 4859
2019 19 139 17085 3324
2020 18 180 16,433 3270
2021 नवंबर तक
15 126 10,308 1918