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अभिनय और निर्देशन को संजीवनी देता जेएफएफ

जागरण फिल्म फेस्टिवल (जेएफएफ) न केवल अनुभव साझा करने का बड़ा मंच है बल्कि अभिनय और निर्देशन को भी संजीवनी देता है। निर्देशन, अभिनय, स्क्रिप्ट, डायलॉग, शूटिंग और प्रोडक्शन सब कुछ एक प्लेटफॉर्म पर सीखने का मौका मिलता है। जेएफएफ ने काफी कुछ सिखाया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 11 Jul 2018 01:47 AM (IST)Updated: Wed, 11 Jul 2018 01:47 AM (IST)
अभिनय और निर्देशन को संजीवनी देता जेएफएफ
अभिनय और निर्देशन को संजीवनी देता जेएफएफ

जागरण संवाददाता, कानपुर : जागरण फिल्म फेस्टिवल (जेएफएफ) न केवल अनुभव साझा करने का बड़ा मंच है बल्कि अभिनय और निर्देशन को भी संजीवनी देता है। निर्देशन, अभिनय, स्क्रिप्ट, डायलॉग, शूटिंग और प्रोडक्शन सब कुछ एक प्लेटफॉर्म पर सीखने का मौका मिलता है। जेएफएफ ने काफी कुछ सिखाया है। यह कहना है शहर के उन निर्देशकों और कलाकारों का जिन्होंने रंगमंच को अपनी जिंदगी बना लिया। इनमें से कई अपनी प्रतिभा को तराश कर बड़े पर्दे तक भी पहुंचने में कामयाब रहे।

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मोहन राकेश द्वारा लिखित 'अषाढ़ का एक दिन' और गिरीश कर्नाड के 'तुगलक' जैसे कई प्रसिद्ध नाटकों का सफल निर्देशन करने वाले रंगमंच के पुरोधा राधेश्याम दीक्षित कहते हैं कि दैनिक जागरण जेएफएफ का आयोजन करता है तो पूरा मुंबई ही शहर में आ जाता है। अनुभवी निर्देशकों, कलाकारों से बहुत कुछ सीखने को मिलता है। बीते कई वर्षो से लगातार वह जेएफएफ में हिस्सा ले रहे हैं। जेएफएफ के सवाल जवाब और एक्सप‌र्ट्स से बातचीत में हर छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी जानकारी विशेषज्ञ साझा करते हैं। वह बताते हैं कि कई फीचर फिल्मों के साथ-साथ अब तक सौ से ज्यादा नाटक का निर्देशन वह कर चुके हैं। जेएफएफ में अनुराग कश्यप, गोविंद निहलानी जैसे निर्देशकों से तकनीकी बारीकियां सीखने को मिलीं तो निर्देशन में निखार आया।

तितलियां, डैड, द प्वाइंट, क्लीन इंडिया मिशन पर संकल्प जैसी शॉर्ट फिल्मों का सफल निर्देशन कर चुके संजय त्रिपाठी के लिए जेएफएफ का अनुभव पुराना है। संजय बताते हैं कि थियेटर में अभिनय से शुरुआत की थी, अब निर्देशन भी कर रहे हैं। जेएफएफ का इसमें अहम योगदान है। बड़े निर्देशकों,अभिनेताओं से मिलने का मौका तो मिलता ही है, उनसे सीखने और उनके अनुभव को जीने का मौका मिलता है।

सस्पेंस मर्डर मूवी के साथ मेडिकल कालेज, आइआइटी और नगर निगम पर डाक्यूमेंट्री बनाकर राघव त्रिपाठी ने न केवल अपनी प्रतिभा का परचम फहराया बल्कि आइएमए की एंथम का निर्देशन कर उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि बटोरी। राघव कहते हैं कि जेएफएफ नए कलाकारों और निर्देशकों के लिए न केवल सीखने का मंच है बल्कि अनुभव से सीखकर मुंबई पहुंचने का रास्ता भी है।

¨हदी फिल्म 'गालिब' से फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने वाली शहर की अदाकारा अनामिका शुक्ला मानती हैं कि जेएफएफ से लोगों को बहुत मदद मिलती है। बीते वर्ष मुंबई में उन्होंनें जेएफएफ में हिस्सा लिया था। बड़ी फिल्मों के निर्देशकों से बातचीत का मौका मिला। कलाकारों के चयन, एक्टिंग की बारीकी आदि की जानकारी मिली। अनामिका की फिल्म एक फिल्म जल्द रिलीज होने वाली है। वहीं रोहित शेंट्टी की रनवीर सिंह और सारा अली खान की मुख्य भूमिका वाली फिल्म में भी वह काम कर रही हैं।

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बस आज ही मिलेंगे पास

कार्निवाल सिनेमा रेवथ्री में 13 जुलाई से आयोजित होने वाले नौंवे जागरण फिल्म फेस्टिवल में हिस्सा लेने के लिए बुधवार को पास मिलेंगे। पाठक दैनिक जागरण कार्यालय में पूर्वाह्न 11 से शाम 4 बजे के बीच पास ले सकते हैं। इसके लिए अपना पहचान पत्र और जेएफएफ कवरेज की कटिंग साथ लानी होगी। पाठकों को पास पर दिए नंबरों पर फोन करके फिल्म के लिए सीट बुक करानी होगी। फिल्म फेस्टिवल में केवल वयस्क ही प्रवेश जा सकेंगे। यानी 18 वर्ष से कम उम्र के लोगों को प्रवेश नहीं मिलेगा।


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