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कानपुर में जेई, डेंगू और चिकनगुनिया तीनों की दस्तक, छह नए मरीज मिले

कानपुर में जेई, डेंगू और चिकनगुनिया तीनों बीमारियों ने दस्तक दे दी है। अब तक छह छह नए मरीज सामने आए हैं। एक की मौत हो चुकी है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Fri, 01 Jun 2018 08:37 PM (IST)Updated: Fri, 01 Jun 2018 08:39 PM (IST)
कानपुर में जेई, डेंगू और चिकनगुनिया तीनों की दस्तक, छह नए मरीज मिले
कानपुर में जेई, डेंगू और चिकनगुनिया तीनों की दस्तक, छह नए मरीज मिले

कानपुर (जेएनएन)। पूर्वांचल में कहर बरपाने वाले दिमागी बुखार ने शहर में दस्तक दे दी है। फरवरी से लेकर मई तक जापानी इंसेफ्लाइटिस (जेई) का एक और एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से पीडि़त पांच मरीज मिले हैं। एईएस से पीडि़त बच्चे की जीएसवीएम मेडिकल कालेज के एलएलआर अस्पताल (हैलट) में इलाज के दौरान मौत हो गई। वहीं जेई पीडि़त किशोरी के आंखों की रोशनी चली गई है। उधर, स्वास्थ्य विभाग के अफसर जेई का केस सामने आने पर ठीकरा उन्नाव पर फोडऩे में जुटे हैं। सीएमओ अशोक शुक्ला ने बताया कि केजीएमयू में इलाज चलने की सूचना मिली है। जेई, डेंगू एवं चिकनगुनिया तीनों की पुष्टि हुई है। 

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कानपुर नगर जिले में दस वर्षों से जेई एवं एईएस का एक भी केस नहीं हुआ था। इस बार शासन की पहल पर स्वास्थ्य विभाग ने विशेष संचारी रोग नियंत्रण पखवारा एवं जेई टीकाकरण अभियान दो-16 अप्रैल तक चलाया था। जेई एवं एईएस से बचाव के लिए जागरूकता कार्यक्रम में आठ लाख रुपये खर्च किए। इस दौरान किसी को इन मरीजों की जानकारी तक नहीं हुई। स्वास्थ्य महानिदेशालय से 21 मई को आई सूचना ने स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की नींद उड़ा दी। 

अफसरों की जांच में पता चला कि इन मरीजों का इलाज पहले नर्सिंग होम में चला। फिर लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) भेज दिया। वहां हुई जांच में जेई एवं एईएस की पुष्टि हुई है। इसमें कोपरगंज के बांसमंडी निवासी आठ वर्षीय बच्चे को झटके आने पर एक निजी हास्पिटल ले गए, वहां से एलएलआर अस्पताल भेज दिया गया। जहां तीन दिन वेंटीलेटर पर रहने के बाद गुरुवार दोपहर उसने दम तोड़ दिया। वहीं दुर्गागंज (नवाबगंज) निवासी 14 वर्षीय किशोरी को दिक्कत होने पर परिवारीजन पास के नर्सिंग होम ले गए। फायदा न होने पर लखनऊ के केजीएमयू में भर्ती कराया, जहां जांच में जेई की पुष्टि हुई है। उसकी दोनों आंखों की रोशनी चली गई है। फिलहाल बच्ची अपनी मां के पास उन्नाव में है। वहीं पीरोड, सीसामऊ निवासी बच्चे का इलाज एक निजी हास्पिटल में चला है, उसे एईएस का संक्रमण था। इसी तरह लाल बंगला के परदेवनपुरवा निवासी एक युवक को फरवरी में संक्रमण होने पर स्थानीय स्तर पर इलाज चला। फायदा न होने पर 21 फरवरी को एसजीपीजीआइ ले गए। वहां सुनवाई न होने पर केजीएमयू में भर्ती कराया, जहां जांच में एईएस की पुष्टि हुई। इसी तरह गोविंद नगर की महिला व नाला रोड खलवा निवासी एक युवक में भी एईएस की पुष्टि हुई है।

सीएमओ अशोक शुक्ला ने बताया कि केजीएमयू में इलाज चलने की सूचना मिली है। जेई, डेंगू एवं चिकनगुनिया तीनों की पुष्टि हुई है। किशोरी नवाबगंज क्षेत्र की रहने वाली है। फिलहाल उन्नाव में रह रही है। उसके घर के आसपास निरोधात्मक कार्रवाई करा दी है।


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