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जयाप्रदा बोलीं- सपा में हो रहा था परायों जैसा व्यवहार, भाजपा में महफूज हूं Kanpur News

एक स्कूल के बाल दिवस कार्यक्रम में आईं थीं कहा कि काम करने के लिए भाजपा में आई पद के लिए नहीं।

By AbhishekEdited By: Published: Thu, 14 Nov 2019 11:10 PM (IST)Updated: Fri, 15 Nov 2019 09:37 AM (IST)
जयाप्रदा बोलीं- सपा में हो रहा था परायों जैसा व्यवहार, भाजपा में महफूज हूं Kanpur News
जयाप्रदा बोलीं- सपा में हो रहा था परायों जैसा व्यवहार, भाजपा में महफूज हूं Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। मैं खुद को भाजपा में महफूज महसूस करती हूं। सपा में उनके साथ परायों जैसा व्यवहार किया जाता था। यह बात एक निजी स्कूल में गुरुवार को हुए बाल दिवस समारोह में शिरकत करने पहुंचीं अभिनेत्री जयाप्रदा ने पत्रकारों से कहीं। बोलीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में काम करना उन्हें अच्छा लग रहा है। उन्हें पद से कोई लेना देना नहीं है।

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उन्होंने कहा कि भाजपा में काम करने आई हूं। किसी भी क्षेत्र में कोई भी पद पाने के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ता है। वह पार्टी की नीतियों को जन सामान्य के बीच पहुंचा रही हैं, जिससे आम आदमी को उनका पूरा लाभ मिले। अभिनय करने के सवाल पर बोलीं कि तीन तलाक के ऊपर उनकी एक वेब सीरीज आ रही है। इसके अलावा जल्द ही वह एक ङ्क्षहदी फिल्म में भी नजर आएंगी। उन्होंने बताया कि सिनेमा काफी बदल गया है। पहले फिल्में बनने में कई साल लग जाते थे। मुगले आजम जैसी फिल्में लंबे समय में बनकर तैयार हुईं और आज भी यादगार हैं। अब समाज के किरदारों पर फिल्में बनने लगी हैं। तकनीक के इस युग में कम समय में फिल्में बन जाती हैं। कहा कि वेब सीरीज व सीरियल आने से इस इंडस्ट्री में अधिक लोगों को रोजगार मिल रहा है।

कानपुर से है दिल का रिश्ता

फिल्म अभिनेत्री पूनम ढिल्लों ने कहा कि कानपुर से उनका दिल का रिश्ता है। उनका जन्म यहां पर हुआ, इसलिए यह उनके दिल के हमेशा करीब रहेगा। बिठूर, जेके मंदिर, मोतीझील, फूलबाग इसकी पहचान हैं। वह जब भी यहां आती हैं यादें ताजा हो जाती हैं।

मार्केटिंग व शो का जमाना

कॉमेडियन राजन श्रीवास्तव की नजर में आज मार्केटिंग व शो बिजनेस का जमाना है। उन्होंने कहा कि आप किसे किस तरह मंच पर उतार सकते हैं यह मार्केर्टिंग पर निर्भर करता है। केवल टीवी शो के जरिये काम नहीं चलाया जा सकता। बड़े बड़े गायक व अभिनेता भी इस ओर बढ़ चुके हैं। कानपुर में पांच साल आर्केस्ट्रा में काम करने का अनुभव मुंबई में काम आया। उसी ने लाफ्टर चैलेंज-2 तक पहुंचाया। 


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