कानपुर की एतिहासिक धरती बनेगी महानाट्य 'जाणता राजा' की गवाह
राज्यपाल महानाट्य का शुभारंभ करेंगे। संस्कृति, संघर्ष और सफलता का पाठ पढ़ाएगी छत्रपति शिवाजी की कहानी, सीएसए परिसर में कल से छह दिन तक होगा मंचन।
कानपुर(जारगण संवाददाता)। शहर की ऐतिहासिक धरती इतिहास की अद्भुत गौरव गाथा की गवाह बनने जा रही है। एशिया के सर्वश्रेष्ठ महानाट्य 'जाणता राजाÓ का मंचन चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि परिसर में 20 से 25 अक्टूबर तक होगा। शनिवार शाम 6.30 बजे राज्यपाल राम नाईक महानाट्य का शुभारंभ करेंगे।
विश्व में 11 सौ से अधिक मंचन
तीन दशकों में विश्व में 1100 से अधिक बार मंचित हो चुका 'जाणता राजाÓ छत्रपति शिवाजी की जन्म से लेकर छत्रपति बनने तक की ऐतिहासिक गौरव गाथा है। उप्र में इसका पहला मंचन कानपुर में ही हो रहा है। जाणता राजा महानाट्य आयोजन समिति अध्यक्ष डॉ. उमेश पालीवाल ने बताया कि शनिवार को कार्यक्रम स्थल पर राज्यपाल राम नाईक शाम छह बजे पहुंचेंगे। राज्यपाल का संबोधन और फिर ठीक 6.30 बजे महानाट्य का शुभारंभ होगा। संयोजक स्वतंत्र कुमार अग्रवाल ने बताया कि महानाट्य के मंचन का उद्देश्य भारतीय संस्कृति, संस्कार और सद्चरित्र को महाराज शिवाजी के जीवन के माध्यम से समाज तक पहुंचाना है।
कानपुर के कलाकारों को भी मिला मंच
जाणता राजा के मंचन में 250 कलाकार अभिनय करेंगे। इसमें अधिकांश कलाकार पुणे के हैं, जबकि कानपुर के भी लगभग 100 कलाकारों को अभिनय का मौका मिला है। सह संयोजक नीतू सिंह ने बताया कि इस महानाट्य के मंचन ने अनूठी मिसाल भी पेश की है। संभवत: यह विश्व का इकलौता आयोजन है, जिसके लिए मुख्य अतिथि राज्यपाल राम नाईक से लेकर आयोजन समिति के सदस्यों, कार्यकर्ताओं और खुद अभिनय कर रहे कलाकारों ने भी टिकट खरीदे हैं।