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जागरण विमर्श 2021: नोएडा-गुरुग्राम की तरह होगा सुनियोजित विकास, जल्द बदला हुआ दिखेगा कानपुर

Jagran Vimarsh 2021 सबसे बड़े औद्योगिक शहर के समग्र विकास को लेकर जागरण के मंच पर जिम्मेदार अधिकारी बैठे तो टॉप शहरों में स्थापित करने का रोडमैप तय किया गया। आम राय बनी कि कल की आवश्यकताओं के हिसाब से इंफ्रास्ट्रक्चर और कानून व्यवस्था और को बेहतर करना होगा।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Tue, 28 Dec 2021 10:46 PM (IST)Updated: Tue, 28 Dec 2021 10:46 PM (IST)
जागरण विमर्श 2021: नोएडा-गुरुग्राम की तरह होगा सुनियोजित विकास, जल्द बदला हुआ दिखेगा कानपुर
Jagran Vimarsh 2021 जागरण विमर्श में मौजूद डीएम कानपुर, पुलिस आयुक्त, केडीए उपाध्यक्ष और नगर आयुक्त।

कानपुर, [राजीव बाजपेयी]। Jagran Vimarsh 2021 धार्मिक, शिक्षा, शोध और औद्योगिक नगरी कानपुर में अब नोएडा, गुरुग्राम और बेेंंगलुरु की तरह सुनियोजित विकास की अविरल गंगा बहेगी। मेट्रो के शुभारंभ के साथ ही देश के चुनिंदा शहरों की तरह आधुनिक कानपुर के विकास और इंफ्रस्ट्रक्चर का संकल्प जागरण विमर्श में जिम्मेदार अफसरों ने लिया। विमर्श के दौरान मंथन में कल के आधुनिक कानपुर की संकल्पना को मूर्त रूप देने के लिए विकास की योजनाओं की चर्चा हुई और उनको मेट्रो की तरह ही समय से पहले पूरा करने का दृढ़ संकल्प भी दोहराया गया।  

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पावन गंगा के तट पर बसी ऐतिहासिक नगरी के सुनियोजित विकास, कॉलोनियों के पुनरुद्धार, बिजली, सड़क, पेयजलापूर्ति और बेतरतीब अतिक्रमण जैसी समस्याओं से कैसे निपटा जाए और कानपुर को अग्रणी शहरों की कतार में कैसे खड़ा किया जाए, इस पर पुलिस आयुक्त असीम अरुण, जिलाधिकारी विशाख जी अय्यर, कानपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अरविंद सिंह व नगर आयुक्त शिवशरणप्पा जीएन ने विमर्श किया।  

उत्तर भारत के सबसे बड़े औद्योगिक शहर के समग्र विकास को लेकर जागरण के मंच पर जिम्मेदार अधिकारी बैठे तो टॉप शहरों में स्थापित करने का रोडमैप तय किया गया। आम राय बनी कि अगर कानपुर को अग्रणी शहरों की कतार में खड़ा होना है तो कल की आवश्यकताओं के हिसाब से इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वच्छता, मूलभूत सुविधाओं और कानून व्यवस्था और को बेहतर करना होगा।

सत्र का संचालन कर रहे कानपुर के संपादकीय प्रभारी जितेंद्र शुक्ल ने पुलिस आयुक्त से कानून व्यवस्था को लेकर सवाल किया। पुलिस आयुक्त असीम अरुण ने कहा कि कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर करने के लिए पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू की गई। जब से आयुक्त प्रणाली लागू की है, काफी अच्छे परिणाम देखने को मिल रहे हैं। यह एक प्रणाली है जो पूरे सिस्टम के साथ काम करती है। इसके बाद से अपराध कम हुए हैं। देखा गया है कि अधिकांश बड़े अपराधों की वजह नशेबाजी और ड्रग्स रहे इसलिए संगठित अपराध पर कड़ा प्रहार किया जा रहा है। दूसरे विभागों से तालमेल करके शहर को और बेहतर करने के गंभीर प्रयास हो रहे हैं। 

ऐतिहासिक ग्रीनपार्क और आइआइटी जैसे संस्थानों के रूप में पहचान रखने वाले कानपुर को अब तक वह मुकाम क्यों नहीं मिल पाया जो क्या जरूरतें हैं और क्या और होना चाहिए के सवाल पर कानपुर के जिलाधिकारी ने कहा कि प्लानिंग खराब होने से अब तक परिणाम बेहतर नहीं आ रहे थे। कानपुर के जो भी लैंडमार्क हैंं अब उसके हिसाब से प्लानिंग हो रही है ताकि लोगों को आकर्षित कर सकें। कानपुर में कनेक्टिविटी की सबसे अधिक जरूरत है। टीयर टू शहरों में एयर कनेक्टिविटी तेजी से बढ़ रही है। कानपुर में भी अपार संभावनाएं हैं। कनेक्टिविटी बेहतर करने के लिए  शहर के चारों ओर कई योजनाएं चल रही हैं। रिंगरोड पर भी तेजी के साथ काम चल रहा है। अनवरगंज के पास जो जाम लगता है उसके निदान के लिए जिम्मेदार महकमों के साथ साझा रणनीति बनाई जा रही है। उम्मीद है कि जल्द ही कानपुर के चारों तरफ बेहतर कनेक्टिविटी देखने को मिलेगी।

 किसी भी शहर के व्यवस्थित और सुनियोजित विकास का सबसे अधिक जिम्मा वहां के प्राधिकरण का होता है। केडीए इस भूमिका का निर्वहन कैसे कर रहा है। कानपुर को मााडल सिटी बनाने के लिए प्राधिकरण की योजनाओं पर चर्चा के लिए केडीए उपाध्यक्ष ने कहा कि कानपुर के चारों क्षेत्रों में विकास कार्य बेहद सुनियोजित तरीके से करने की प्लान तैयार है। गरीब और मध्यमवर्गीय लोगों के लिए कई बड़ी योजनाएं ला रहे हैैं। हमीरपुर हाईवे के पास 100 हेक्टेयर की नई आवासीय योजना लाई जा रही है। इसी तरह चकेरी साइट को एनसीआर की तरह विकास किया जाएगा। यहांं बड़े कारपोरेट कॉम्प्लेक्स, कामर्शियल सेंटर और आाधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा किया जाएगा ताकि लोगों को नोएडा और गुरुग्राम की तरह कानपुर में भी कारोबार और संस्थानों को विस्तार करने का मौका मिले। प्राधिकरण की कई ऐसी योजनाएं जो बरसों से बंद पड़ी हैैं, उन्हें जल्दी चालू करने का विचार है। माडल सिटी की तरह कानपुर को विकास होगा। प्राधिकरण की कई जमीनों पर अलग-अलग प्लानिंग हो रही है। हर वर्ग को ध्यान में रखते हुए योजनाएं  तैयार की जा रही हैैं।

चमड़ा और पान मसाले को लेकर मशहूर कानपुर गंदगी और अतिक्रमण को लेकर चर्चा में रहता है। कानपुर अपनी इस खराब छवि से निकलकर कैसे स्वच्छ शहरों की श्रेणी में शामिल होगा, इस पर नगर आयुक्त ने विश्वास दिलाया कि लोगों का सहयोग मिले तो जल्द ही इस मिथक को भी तोड़ेेगे। नगर आयुक्त ने कहा कि किसी भी शहर की सफाई व्यवस्था जन सहभागिता पर काफी हद तक निर्भर रहती है। लोग जब तक अपने व्यवहार में परिवर्तन नहीं लाएंगे तब तक सौ प्रतिशत सफाई का लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सकता। पार्किंग की समस्या दुरुस्त की जा रही है। 


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