दीवार पर सॉरी... मैं सच में जीने के लायक नहीं हूं...लिखकर छात्रा ने लगाई थी फांसी
दीवार पर लिखे सुसाइड नोट में दोस्त का नाम पढ़कर पिता ने पुलिस को तहरीर दी है।
कानपुर, जेएनएन। सॉरी... मैं सच में जीने के लायक नहीं हूं...दीवार पर सुसाइड नोट लिखने के बाद 18 वर्षीय आइटीआइ छात्रा ने फांसी लगाई थी। इसके पहले वह अपने किसी दोस्त से फोन पर बात कर रही थी। छात्रा के पिता ने सुसाइड नोट की फोटो खींचकर थाने में तहरीर दी है, वहीं पुलिस ने आरोपित को हिरासत में लिया है।
मां ने छीनकर फेंक दिया था मोबाइल
मसवानपुर निवासी छात्रा को उसकी मां ने रविवार को पढ़ाई न करने पर डांट दिया था। सोमवार शाम जब बेटी को फोन पर बात करते देखा तो मां ने फोन छीनकर खाली प्लाट में फेंक दिया था। इसी बात से छात्रा तनाव में आ गई। मंगलवार सुबह उसने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद करके मां की साड़ी का फंदा बनाकर फांसी लगा ली थी। उस वक्त पिता दूसरे कमरे में क्रिकेट मैच देख रहे थे और मां खाना बना रही थीं। दोपहर बड़ी बहन ने जब कमरा बंद देखा और रोशनदान से झांककर देखा तो घटना का पता लगा था।
दीवार पर लिखा सुसाइड नोट
'सॉरी... मैं सच में जीने के लायक नहीं हूं और न जीना चाहती हूं। बेटू के चक्कर में हम घरवालों से बैर कर बैठे, लेकिन वो...।' यह इबारत दीवार पर लिखने के बाद छात्रा फांसी के फंदे पर झूल गई थी। इससे पहले वह अपने दोस्त से फोन पर बात कर रही थी। स्वजन ने पुलिस को बताया कि बेटी ने दीवार पर बेटू नामक किसी दोस्त का जिक्र किया है। आरोप है कि उसी की वजह से बेटी ने आत्महत्या कर ली। कल्याणपुर थाना प्रभारी अजय सेठ ने बताया कि आरोपों की जांच की जा रही है।