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इसरो ने सेटेलाइट से कानपुर की मैपिंग कराई, सामने आया चौंकाने वाला ये सच Kanpur News

नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर के वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने डीएम व सीडीओ को डिटेल दी है।

By AbhishekEdited By: Published: Sat, 10 Aug 2019 05:02 PM (IST)Updated: Sat, 10 Aug 2019 05:02 PM (IST)
इसरो ने सेटेलाइट से कानपुर की मैपिंग कराई, सामने आया चौंकाने वाला ये सच Kanpur News
इसरो ने सेटेलाइट से कानपुर की मैपिंग कराई, सामने आया चौंकाने वाला ये सच Kanpur News

कानपुर, [शशांक शेखर भारद्वाज]। जल संकट के मुहाने पर पहुंचे कानपुर और आसपास जिलों में इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) के सहयोग से भूगर्भ जलस्तर बढ़ाया जाएगा। इसरो की तकनीक, डाटा, मैपिंग और ग्राफ से जहां दोहित व अतिदोहित क्षेत्रों की पहचान होगी, वहीं जमीन के अंदर के जलाशय आसानी से पता किए जा सकेंगे। किस जगह बोरिंग करनी चाहिए और कौन सी जगह तालाब खोदाई के लिए ठीक है, इसका सटीक आकलन होगा। जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी से मिलकर इसरो के वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने डाटा और महत्वपूर्ण डिटेल सीडी में सौंप दी है। जिला प्रशासन इन सीडी और नक्शों के माध्यम से कार्ययोजना तैयार करेगा।

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शहर और तीन ब्लाक चिह्नित

सबसे पहले कानपुर शहर और सरसौल, घाटमपुर ,चौबेपुर ब्लाक चिह्नित किए गए हैं। यहां के पानी के स्रोत, जनसंख्या, नहर, नदी, बरसाती नाले, कुओं, ट्यूबवेल, बोरिंग के आंकड़े तैयार होंगे। इस काम में नगर निगम, जल निगम, विकास भवन, भूगर्भ जल विभाग और जिला प्रशासन के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी।

एनआरएसएस के अधिकारियों ने दी रिपोर्ट

नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (एनआरएसएस) नई दिल्ली के सीनियर वैज्ञानिक डॉ. वीएम चौधरी और डॉ. खुशबू मिर्जा ने जिलाधिकारी विजय विश्वास पंत और मुख्य विकास अधिकारी अक्षय त्रिपाठी को कानपुर जिले की रिपोर्ट दे दी है।

कल्याणपुर, चौबेपुर ब्लाक की स्थिति खराब

कानपुर के भूगर्भ जलस्तर में पिछले साल के मुकाबले 5 से 45 सेंटीमीटर तक गिरावट हुई है। कल्याणपुर और चौबेपुर ब्लाक की स्थित सबसे अधिक खराब है। कल्याणपुर अतिदोहित जबकि चौबेपुर दोहित क्षेत्र में आता है।

तीन सीडी और 37 ग्राफ में पूरी डिटेल

भूगर्भ जल की पूरी जानकारी तीन सीडी और 37 ग्राफ तैयार हुई है। इसमें बताया गया है कि कहां पर चैकडैम बनाने से पानी अधिक से अधिक रिचार्ज हो सकेगा। किस जगह तालाब की खोदाई कराने से बेहतर परिणाम मिलेंगे।

अधिकारियों ने ये कहा

  • इसरो ने जियोस्टेशनरी सेटेलाइट के माध्यम से कानपुर के भूगर्भ जल की मैपिंग की है। इससे जमीन के अंदर के पानी को रिचार्ज किया जा सकेगा। -अक्षय त्रिपाठी, मुख्य विकास अधिकारी
  • जलशक्ति अभियान के अंतर्गत कानपुर की प्लानिंग की जा रही है। तकनीकी संस्थान और सामाजिक संस्थाओं से भी सहयोग लिया जाएगा। -विजय विश्वास पंत, जिलाधिकारी

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