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जब सिंचाई मंत्री के रियलिटी चेक से गच्चा खा गए अफसर

हकीकत परख चुके मंत्री ने जमकर लगाई फटकार। बिठूर के रास्ते से गंगा किनारे बाढ़ प्रभावित गांवों में पीड़ितों का हालचाल लिया। अफसर केरोसिन बंटवाकर गिना रहे थे राहत के इंतजाम।

By Edited By: Published: Fri, 07 Sep 2018 01:37 AM (IST)Updated: Fri, 07 Sep 2018 01:38 AM (IST)
जब सिंचाई मंत्री के रियलिटी चेक से गच्चा खा गए अफसर
जब सिंचाई मंत्री के रियलिटी चेक से गच्चा खा गए अफसर

जेएनएन, (कानपुर) : बाढ़ पीड़ितों को राहत के नाम पर कोरी-कोरी बातें करने वाले अफसर गुरुवार को सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह के 'रियलिटी चेक' से गच्चा खा गए। खुद बाढ़ पीड़ितों का हाल देखकर ख्योरा कटरी पहुंचे मंत्री ने अव्यवस्थाओं पर जमकर नाराजगी जताई। फटकार लगाते हुए प्रशासनिक अधिकारियों को शुक्रवार तक सारी व्यवस्थाएं दुरुस्त करने का अल्टीमेटम दिया।

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गंगा किनारे के गांव बाढ़ की चपेट में हैं। समाजसेवी और जनप्रतिनिधि तो उनके लिए अपने स्तर से खाने, तिरपाल आदि की व्यवस्थाएं कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन की तरफ से सुस्ती है। गुरुवार को कानपुर आए सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह के राहत शिविर पहुंचने की सूचना पर प्रशासन चौकन्ना हो गया। बनियापुरवा के राहत शिविर में केरोसिन बंटवा दिया। बाकी इंतजामों को भी दुरुस्ती का मुखौटा पहनाने का प्रयास किया। मगर, मंत्री बिठूर के रास्ते से प्रतापपुर हरी, पपरिया, डल्लापुरवा, गोपालपुरवा, हिंदूपुर, शिवदीनपुरवा आदि गांवों के राहत शिविर में ठहरे बाढ़ पीड़ितों का हालचाल लेते हुए, प्रशासनिक व्यवस्था की हकीकत जानते हुए बनियापुरवा पहुंचे। वहां प्रशासनिक अधिकारियों से पूछा कि आपने क्या-क्या इंतजाम किए। इस पर अफसरों ने जवाब दिया कि खाना बंटवा रहे हैं, तिरपाल दे दी, केरोसिन बांट रहे हैं। इस पर सिंचाई मंत्री का पारा चढ़ गया। बोले कि हवा-हवाई बातें न कीजिये। मैं खुद पीड़ितों से मिलकर आ रहा हूं। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार प्रत्येक पीड़ित परिवार को पचास किलो राशन, तिरपाल, मिट्टी का तेल नहीं बांटा गया है। बिजली का इंतजाम नहीं किया गया है। मंत्री यहीं नहीं रुके। बोले कि चार दिन बाद आप नाव से प्रभावित गांव देखने निकले हैं। क्या नौकाविहार का समय है। उन्होंने सख्त हिदायत दी कि शुक्रवार तक सारे इंतजाम हो जाने चाहिए। साथ में मौजूद विधायक प्रतिभा शुक्ला, पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी और अन्य भाजपाइयों से कहा कि यहां नजर रखें और हमें जानकारी दें। उधर, गंगा बैराज हाईवे पर हजारों की संख्या में रह रहे लोगों का हालचाल जानने के लिए बिठूर विधायक अभिजीत सिंह सागा, पूर्व सपा विधायक मुनींद्र शुक्ला भी पहुंचे। गांवों में जलस्तर कुछ इंच भले ही कम हो गया हो, लेकिन अभी राहत वाली कोई बात नहीं है। बाढ़ में घिरे परिवारों को समाजसेवी और जनप्रतिनिधियों ने नावों से खाना बंटवाया।

राहत शिविरों में गंदगी का अंबार, फैल सकती बीमारी
बनियापुरवा चैराहे के आगे के राहत शिविरों के आसपास गंदगी फैल रही है, जिससे बीमारी फैलने की आशका है। प्रशासन की तरफ से दस और नए बायोटॉयलेट की व्यस्था एनआरआइ सिटी के सामने की जा रही है, जिसमें पाच पुरुष और पाच महिलाओं के लिए होंगे। वहीं, एक बायोटॉयलेट गुरुवार को महापौर प्रमिला पांडेय ने नगर निगम से रवाना किया।

मंत्री को तटबंध बनवाने का ज्ञापन
भाजपा मछुआरा प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष रमेश वर्मा एकलव्य ने सिंचाई मंत्री को गंगा बैराज से बिठूर तक तटबंध बनवाने के लिए ज्ञापन दिया।भाजपा उत्तर जिले के पदाधिकारी भी गंगा बैराज हाईवे पर लगे राहत शिविर में पहुंचे। वह पार्टीजनों और अन्य सेवाभावीजनों से राहत सामग्री जुटाकर ले गए थे और उसे बाढ़ पीड़ितों में बांटा। इस दौरान जिलाध्यक्ष सुरेंद्र मैथानी, सुनील बजाज, सत्येंद्रनाथ पांडेय, दीपक सिंह, अनिल दीक्षित, दीपक सविता, रोहित साहू, मंजीत सिंह, इमरान आदि थे।

पांडु नदी में उफान से भौंतीखेड़ा जलमग्न
बीते चौबीस घटे में हुई मूसलाधार बारिश से पाडु नदी एक बार फिर उफान पर आ गई। गुरुवार को अचानक नदी में बढ़े जलस्तर से भौंतीखेड़ा गांव पूरी तरह जलमग्न हो गया। कई ग्रामीण रोजमर्रा के जरूरी सामान को लेकर परिवार समेत गांव के प्राथमिक विद्यालय पहुंच गए। वहीं, कुछ अपने परिवारों के साथ भौंतीखेड़ा क्रॉसिंग के पास जाकर रुके हैं। बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि उनका सबकुछ बर्बाद हो गया है, लेकिन अभी तक प्रशासन ने उनकी सुध नहीं ली है। भौंतीखेड़ा गाव की प्रधान के पति रामशकर गौतम ने बताया कि पाडु नदी में आई बाढ़ से ग्रामीणों के खेतों में खड़ी सैकड़ों बीघा फसल नष्ट हो गई है।

मदद को पहुंचे समाजसेवी
समाजसेवी अमित त्रिपाठी, आलोक सिंह, अनीश कुमार, रमेश बाबा और अनुज बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए पहुंचे। उन्होंने घरों में फंसे ग्रामीणों को नाव की मदद से बाहर निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। वहीं, प्रधान पति ने समाजसेवियों के साथ मिलकर बाढ़ पीड़ितों के लिए भोजन की व्यवस्था कराई।


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