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पांच भाइयों ने पैदा की थी कानपुर में दहशत, अंतरराज्यीय सुपारी किलर रफीक गैंग का सदस्य है अफजाल

कानपुर में सीएए को लेकर विरोध प्रदर्शन के दौरान बाबूपुरवा हिंसा के मास्टर माइंड अफजाल के पांच भाइयों ने मिलकर तीन दशक पहले शहर में दहशत पैदा की थी। हीर पैलेस मुठभेड़ के मामले में भी नामजद था।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Tue, 21 Dec 2021 12:00 PM (IST)Updated: Tue, 21 Dec 2021 12:00 PM (IST)
पांच भाइयों ने पैदा की थी कानपुर में दहशत, अंतरराज्यीय सुपारी किलर रफीक गैंग का सदस्य है अफजाल
एसटीएफ ने अफजाल को गिरफ्तार किया है।

कानपुर, जागरण संवाददाता। बाबूपुरवा हिंसा के मास्टर माइंड बताये जा रहे और एसटीएफ के हाथों गिरफ्तार अफजाल अंतरराज्यीय सुपारी किलर रफीक कुरैशी गैंग का सक्रिय सदस्य है। इस गैंग में अफजाल व उसके चार भाई भी शामिल थे, जो सुपरी लेकर हत्याओं को अंजाम देते थे। करीब साढ़े तीन दशक पहले पांच भाइयों ने पूरे शहर में दशहत का साम्राज्य स्थापित कर लिया था। एसटीएफ का दावा कि अफजाल वर्ष 2004 में बदमाशों के साथ हुई हीर पैलेस मुठभेड़ में भी शामिल था, जिसमें एसटीएफ का एक सिपाही शहीद हो गया था और दो बदमाश भी पुलिस की गोली से मारे गए थे।

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एसटीएफ के एक अधिकारी ने शातिर अफजाल की पूरी कुंडली तैयार की है। एसटीएफ के मुताबिक करीब साढ़े तीन दशक पहले शहर में कुली बाजार निवासी पांच भाइयों इकबाल उर्फ बाले, अतीक, तौफीक उर्फ बिल्लू, शफीक और अफजाल का सिक्का चलता था। पांचों भाइयों की इस टीम में कुख्यात रफीक कुरैशी भी शामिल था। पुलिस रिकार्ड में यह गैंग आइएस-2 (अंतरराज्यीय) रफीक गैंग के नाम से दर्ज है। पुलिस के मुताबिक वर्ष 2004 में एसटीएफ को सूचना मिली की रफीक अपने साथियों के साथ हीर पैलेस में फिल्म देखने आया है। एसटीएफ ने सादे कपड़ों में अपना जाल बिछाया।

रफीक को एसटीएफ टीम में सिपाही धर्मेंद्र चौहान पहचानता था। फिल्म समाप्त होने के बाद जैसे ही बदमाशों की टोली टाकीज से बाहर निकली, एसटीएफ ने उनकी घेराबंदी शुरू कर दी। चूंकि रफीक भी धर्मेंंद्र को पहचानता था, इसलिए सामने पड़ते ही उसने गोलीबारी शुरू कर दी। धमेंद्र इस मुठभेड़ में बलिदान हो गए, जबकि रफीक गैंग के बदमाश ताज उर्फ भय्यन और शकील भी पुलिस की गोली से ढेर हो गया। बाद में पुलिस ने रफीक को कोलकाता से गिरफ्तार किया और जब उसे पेशी पर ले जाया जा रहा था, गैंगवार में वह मारा गया। हीर पैलेस मुठभेड़ के नाम से जानी जाने वाली इस मुठभेड़ में भी अफजाल शामिल था। बाद में तौफीक भी पुलिस मुठभेड़ में मारा गया, जबकि इकबाल कानपुर और अतीक आगरा जेल में है। खबर तो यह भी है कि पांचवें भाई शफीक की मुम्बई जेल में मृत्यु हो चुकी है, लेकिन एसटीएफ को अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है।


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