बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई में इंटरनेट व मोबाइल ने बढ़ाया अभिभावकों पर बोझ
महामारी के दौर में स्मार्ट फोन प्रिंटर व लैपटाप के रूप में बढ़ा अतिरिक्त खर्चा।
कानपुर, जेएनएन। बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई के चलते उनके अभिभावकों की जेब ढीली हो रही है। स्मार्ट फोन, लैपटाप, प्रिंटर व इंटरनेट कनेक्शन के रूप में अतिरिक्त खर्चों के कारण अभिभावक परेशान हैैं। स्कूल की फीस अलग से देनी पड़ रही है। एक ओर जहां उनके खर्चे बढ़े हैैं वहीं, दूसरी ओर कोरोना काल में कमाई घटी है। अभिभावकों का कहना है कि ऑनलाइन पढ़ाई से औसतन हर माह 1000 रुपये का अतिरिक्त खर्च बढ़ा है। दो जीबी इंटरनेट का डाटा बच्चे रोजाना उपयोग कर रहे हैं।
अभिभावकों का दर्द
स्कूल की फीस भरने के साथ ऑनलाइन पढ़ाई से संबंधित अतिरिक्त खर्चों का भार भी उठाना पड़ रहा है।
-सोनिया चोपड़ा, गुमटी नंबर पांच
हर दिन बेटे को दो जीबी इंटरनेट पैक रिचार्ज कराना पड़ता है। इसके अलावा कई अन्य खर्चे भी हैैं।
धीरज बाल्मीकि, विजय नगर
इनका ये है कहना
अगर कुछ खर्चे बढ़े हैं, तो कुछ कम भी हुए हैैं। अभिभावक दोनों ही पक्ष देखें तो बेहतर होगा।
-रुचि सेठ, प्रधानाचार्य एलन हाउस पब्लिक स्कूल खलासी लाइन
ये दौर महामारी का है। अभिभावकों को इसमें खुद को एडजस्ट करना पड़ेगा।
-केवी विंसेंट, कोआर्डिनेटर, आइसीएसई
ऑनलाइन पढ़ाई करने वाले छात्रों की संख्या
1. माध्यमिक विद्यालय : एक लाख से ज्यादा
2. सीबीएसई विद्यालय: 50 हजार से ज्यादा
3. आइसीएसई विद्यालय: 10 हजार से अधिक