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नए तरह से नजर आएगा बीमा अस्पताल, सुधार के लिए मुख्यालय की टीम ने तलाशी संभावनाएं

ईएसआइसी हेडक्वार्टर, नई दिल्ली की टीम ने नाराजगी जाहिर की है। अब चिकित्सा अधीक्षक व अधिकारियों से होगी वार्ता।

By JagranEdited By: Published: Thu, 16 Aug 2018 10:59 AM (IST)Updated: Thu, 16 Aug 2018 10:59 AM (IST)
नए तरह से नजर आएगा बीमा अस्पताल, सुधार के लिए मुख्यालय की टीम ने तलाशी संभावनाएं
नए तरह से नजर आएगा बीमा अस्पताल, सुधार के लिए मुख्यालय की टीम ने तलाशी संभावनाएं

जागरण संवाददाता, कानपुर : पांडु नगर स्थित बीमा अस्पताल नए तरह से नजर आएगा। उसकी रूपरेखा बदल दी जाएगी। कुछ जगह तोड़फोड़ कर निर्माण होगा। यह निर्णय ईएसआइसी हेडक्वार्टर, नई दिल्ली से आई टीम ने लिया। विशेषज्ञों ने तीन साल पहले हुए निर्माण कार्यो पर नाराजगी जाहिर की है। टीम अब चिकित्सा अधीक्षक समेत अन्य अधिकारियों से बातचीत करेगी।

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ईएसआइसी के सुप्रीटेंडेंट इंजीनियर डीएन आर्या, असिस्टेंट इंजीनियर डीडी शर्मा, सचिन अग्रवाल, पीडी सिंह के साथ एनबीसीसी के अधिकारियों ने निरीक्षण किया था। यहां ओपीडी की व्यवस्था देखी थी और वेंटीलेशन और बाहर निकलने का रास्ता चेक किया था। वार्ड में जाने वाले रास्ते के बाहर दवाओं के डब्बों का ढेर लगा हुआ था। ऊपर के वार्ड की छतें टपक रहीं थी। दूसरी मंजिल पर एक जगह से बीम चटकी हुई मिली। असिस्टेंट इंजीनियर डीडी शर्मा के मुताबिक नई कार्यदायी संस्था को काम दे दिया गया है। फिर से काम शुरू किया जाएगा। नक्शे में कुछ फेरबदल किया जा रहा है।

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वाट्सएप ग्रुप से जुड़कर डेंगू पर शोध कर रहे छात्र-छात्राएं

कानपुर : डेंगू जैसी खतरनाक बीमारी किस मच्छर के काटने पर होती है, मलेरिया कैसे फैलता है। इनके लक्षण क्या हैं, साथ ही कैसे इसकी रोकथाम की जा सकती है। इन सभी सवालों का जवाब शोध के माध्यम से छात्र-छात्राएं ढूंढ रहे हैं। वाट्सएप ग्रुप से जुड़कर सभी छात्र पहले जानकारी करते हैं फिर एक-दूसरे इसे साझा किया जाता है। कैंट स्थित आनंदराम जयपुरिया स्कूल में 17 व 18 अगस्त को 'कोलाब्रेटिव अंडरस्टैंडिंग ऑफ बायोलॉजी एजुकेशन' (ष्टक्चश्व) विषय पर कार्यशाला आयोजित होगी। इसमें होमी भाभा सेंटर ऑफ साइंस एजुकेशन एंड टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च मुंबई के विशेषज्ञ उपस्थित रहेंगे। कार्यशाला से पहले ही स्कूल की ओर से \स्न्छ्वस् ष्टक्चश्व ंनाम से वाट्सएप ग्रुप तैयार किया गया। इसमें 10 अलग-अलग स्कूलों से सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने जुड़कर खुद से विभिन्न ंिवषयों- कप कल्चर ऑफ अर्थवॉ‌र्म्स, फिनोलॉजी ऑफ मैंगो ट्री, फ्रूटफ्लाइस आदि पर शोधकार्य शुरू कर दिया है। स्कूल की जीवविज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ.अनुपमा श्रीवास्तव ने बताया वाट्सएप ग्रुप पर सभी छात्र-छात्राएं मिलजुल कर कार्य कर रहे हैं। प्रधानाचार्या शिखा बनर्जी ने बताया कि छात्र-छात्राओं का विकास करने के लिए स्कूल हमेशा तैयार है। बोलीं ऐसी कार्यशालाओं से उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिलता है।


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