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सवालों के घेरे में रेलवे : हाथ में ड्रिप लगी होने के बाद भी कर्मी को छुट्टी मांगने आना पड़ा स्टेशन

इटावा रेलवे अस्पताल में भर्ती महिला कर्मचारी को छुट्टी का फार्म लेने के लिए हाथ में ड्रिप लगे होने के बावजूद कानपुर सेंट्रल स्टेशन आना पड़ा।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sat, 20 Jul 2019 10:06 AM (IST)Updated: Sat, 20 Jul 2019 10:06 AM (IST)
सवालों के घेरे में रेलवे : हाथ में ड्रिप लगी होने के बाद भी कर्मी को छुट्टी मांगने आना पड़ा स्टेशन
सवालों के घेरे में रेलवे : हाथ में ड्रिप लगी होने के बाद भी कर्मी को छुट्टी मांगने आना पड़ा स्टेशन

कानपुर, जेएनएन। उत्तर-मध्य रेलवे का स्टेशन इटावा एक बार फिर काफी चर्चा में है। महात्मा गांधी जैसा पहनावे के आधार पर बुजुर्ग को ट्रेन से उतारने के मामले में फजीहत के बाद एक बार फिर यहां रेलवे की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है।

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छुट्टी का फार्म लेने के लिए मरीज के खुद कार्यालय आने की अनिवार्यता से रेलवे की फजीहत हो रही है। इस नियम के चलते अस्पताल में भर्ती महिला कर्मचारी को छुट्टी का फार्म लेने के लिए हाथ में ड्रिप लगे होने के बावजूद सेंट्रल स्टेशन आना पड़ा। इसकी चर्चा के बाद मची खलबली के बीच स्टेशन डायरेक्टर ने शुक्रवार को महिला कर्मचारी के घर जाकर उनका बयान लिया।

इटावा में आरक्षण केंद्र में बतौर क्लर्क तैनात सुष्मिता दास की सोमवार को कार्यालय में डिहाईड्रेशन से तबीयत खराब हो गई। उन्हें लोको अस्पताल में भर्ती किया गया। उनको मंगलवार के अवकाश के लिए जी-92 फार्म की जरूरत थी। उन्होंने अपने टीटीई पति चंचल को कहा। चंचल ने सहकर्मी टीटीई संजय बिष्ट व संदीप मैसी को फार्म लेने भेजा। आरोप है कि चीफ रिजर्वेशन सुपरवाइजर (सीआरएस) गोपाल उमराव स्टेशन डायरेक्टर कार्यालय गए थे। वहां मौजूद दूसरे सीआरएस भवानी प्रसाद ने उन्हें फार्म नहीं दिया और बीमार को स्वयं आने के लिए कहा। ऐसे में सुष्मिता को हाथों में ड्रिप लगी होने के बावजूद खुद आना पड़ा।

स्टेशन डायरेक्टर हिमांशु शेखर अग्रवाल मामले की जांच कर रहे हैं। उन्होंने शुक्रवार को महिला कर्मचारी के घर जाकर उनके बयान दर्ज किए। स्टेशन डायरेक्टर ने बताया कि कई बार अवकाश के लिए कर्मचारी बीमारी का बहाना बनाते हैं। जी-92 फार्म के लिए उन्हें ही बुलाया जाता है ताकि हकीकत पता चल जाए, लेकिन यह नियम गंभीर मरीजों के लिए नहीं है। रेलवे कर्मचारियों ने बीमार महिला कर्मचारी के प्रति क्या लापरवाही बरती, इसकी जांच हो रही है। दोनों सीआरएस के भी बयान लिए गए हैं। शनिवार को अस्पताल प्रबंधन से पूछताछ कर अंतिम रिपोर्ट तैयार की जाएगी। कर्मचारियों की लापरवाही पर उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई होगी। 


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